कैसा उन्मूलन : दो वक्त की रोटी को पसीना बहा रहा बचपन,बाल श्रम की रोकथाम के प्रयासों की जिला मुख्यालय में ही निकल रही हवा,सरकारी कार्यालयों तक में दिखाई दे रहे बाल श्रम की तरफ नहीं दिया जा रहा ध्यान

0
63
Oplus_131072

फतेहपुर। बाल श्रम के खात्मे के चल रहे प्रयास अभी तक फलीभूत नजर नहीं आ सके हैं। क्या गांव क्या कस्बा और क्या शहर। हरेक जगह पर बचपन, मेहनत का पसीना बहाता दिखाई दे रहा है। यह तब हो रहा है जब स्कूल से वंचित बच्चे और बच्चियों को तालीम की मुख्य धारा से जोडने को साल दर साल कार्ययोजना तैयार हो रही है। कागज में तो यह नजर आ रही है लेकिन असलियत में यह नदारद है। ऐसा न होता तो बचपन रिक्शा में लदा बोझ मंजिल तक पहुंचाने की ऐसी कडी धूप में हिमाकत न करता। यह सब इसलिए दिख जाता है क्योंकि इसकी रोकथाम के जिम्मेदारों को ऐसी तस्वीरों की जरा सी भी परवाह ही नहीं रही है। बाल श्रम आज समाज का ऐसा कुरूप चेहरा है जो सामाजिक विकास में बाधक है। यही कारण है कि सरकारें, हरेक सत्र में इस दिशा में कार्ययोजना तैयार कर ड्राप आउट बच्चों को शिक्षित बनाने की मुहिम की इबारत लिखने का प्रयास करती चली आ रही है लेकिन जिस स्याही की जरूरत है। उसका जरा सा भी इस्तेमाल ठीक से कर लिया जाए तो बाल श्रम का

कबाड़ का रिक्शा खींचता बालक।

खात्मा आसानी से हो सकता है। जिला मुख्यालय के शादीपुर चौराहा के पास दोपहर सवा एक बजे गुजरता यह रिक्शा, बाल श्रम की पोल खोलने को काफी है। पसीने से तरबतर एक 12 साल के करीब उम्र का लडका जिस हाल में नजर आता है। उससे साफ है कि जिले के विकास की पायदान में उछाल की बात बेमानी सी लगती है। पीरनपुर के इस बालक का यह हाल इसलिए नजर आया क्योंकि उसके परिवार को चलाने के लिए वही सहारा है। पिता बीमार है और घर में छोटे छोटे भाई बहन हैं। उनकी परवरिश उस पर है। देखा जाए तो यह इस बचपन की मजबूरी है क्योंकि उस पर परिवार की जिम्मेदारी का भार है लेकिन यह किस तरह कम किया जा सकता है। इस पर भी काम की दरकार है ताकि किसी की पढाई इस कारण बाधित न हो कि उसके सामने जीविका का संकट है। जिला मुख्यालय में इस तरह की तस्वीरें आम हैं। जिस पर ध्यान देने की दरकार है क्योंकि भाग्य का साथ तो बेशक किसी की भी तरक्क्ी में मायने रखता है लेकिन उससे भी बडी जरूरत प्रशासनिक नजरिए की है। प्रशासन जब तक ऐसी तस्वीरों से अनजान बना रहेगा। इस तरह का बचपन आंखों को कचौटता रहेगा।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here