फतेहपुर।लोकसभा चुनाव अपने चरम की ओर है हालांकि भाजपा एवं बसपा को छोड़ कर अन्य प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो सकी है लेकिन घोषित प्रत्याशी और समर्थकों द्वारा वोट के खातिर जनसम्पर्क किया जा रहा है। जनसम्पर्क में इनके पसीने छूट रहे हैं। गेहूं की कटाई मड़ाई को किसान पूरे दिन खेत खलिहानों में डटे हैं। घर पर छोटे बच्चे या बुजुर्ग ही मिल रहे हैं। ऐसे में प्रत्याशी व उनके समर्थक खाक छानते फिर रहे हैं लेकिन वोटर नजर नहीं आ रहा है। मजबूरी में बच्चों को पम्पलेट थमाकर लौट रहे हैं। फतेहपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशी को सभी छह विधान सभाओं के मतदाता वोट देते हैं। आगामी 20 मई को मतदान होना है। सभी दलों के प्रत्याशी व उनके समर्थक वोटरों से मिलने को बेताब हैं। वह 42 के पार चल रहे पारा में भी गांव-गांव वोटरों से मिलने के लिए जा रहे हैं लेकिन गांव में उनको कोई नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि मतदाता इस समय अपनी गेहूं की फसल समेटने में लगा हुआ है। खेतों में गेहूं की कटाई के चलते अधिकतर ग्रामीण खेतों में काम में व्यस्त हैं। मतदाताओं का कहना है पहले गेहूं की कटाई कर घर में रख लें उसके बाद चुनाव देखेंगे। ऐसे में प्रत्याशियों का वोटरों से मिल पाना कठिन हो रहा है। लोकसभा चुनाव में बहुत कम ही दिन प्रचार के लिए मिलने के कारण प्रत्याशियों को वोटरों से मिलना और उनसे आशीर्वाद मांगना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। लोग खेतों में गेहूं काटने में व्यस्त होने के कारण अपने घरों में नहीं मिल रहे हैं। पूरे दिन काम करके जब रात को आराम के समय पाटिर्यों के कार्यकर्ता उन्हें वोट देने के लिए कहते हैं तो वोटर कोई अपने गेहूं कटवाने के लिए लेबर की मांग कर रहा है तो कोई भूसा घर पर डालने के लिए कह रहा है। जिसको पूरा करना प्रत्याशियों के कार्यकर्ताओं के लिए कठिन हो रहा है। वोटरों का कहना है कि उनके लिए चुनाव बाद में है पहले अपनी फसल को अपने घर तक ले जाना जरूरी है।