संवाददाता:घाटमपुर।तहसील क्षेत्र के विभिन्न देवी मंदिरों में नवरात्रि के पहले दिन माता के स्वरूप के दर्शन करने के लिए भक्तों की उमड़ी भारी भीड़,हाथों में पूजा की थाली लिए भक्त जय माता दी का जय घोष करते हुए मंदिर पहुंचकर माता के स्वरूप के दर्शन किए है। सुरक्षा की दृष्टि से देवी मंदिरों में पुलिस बल तैनात रहा।घाटमपुर माता कुष्मांडा देवी मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता है, मंदिर में दूर-दराज से भक्त पहुंचते हैं। मंदिरों में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल भी तैनात रहा। समय समय पर अधिकारी भी मंदिरों में सुरक्षा का जायजा लेते रहे नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री का दर्शन करने देवी मंदिरों में भक्तों की सुबह से ही कतार लगी रही।दर्शन करने पहुंचे लालू प्रसाद सैनी, योगेश मिश्रा, पुतु पाण्डेय, अमित, रिंकू शर्मा, अवनीश साहू गुड्डू पंडित आदि ने बताया कि मां की महिमा अपार है। सच्चे मन से दर्शन करने से भक्तों की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इनका जन्म शैल अर्थात पत्थर से हुआ था, जिससे इनको शैलपुत्री नाम से जाना जाता है,मां अपने भक्तों की प्रार्थना सुनने बैल पर सवार होकर आती हैं। एक हाथ में कमल का पुष्प व दूसरे में त्रिशूल धारण करती हैं,नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए भक्त भोर पहर,ब्रह्म मुहूर्त में जागकर , स्नान-ध्यान कर माता की चौकी स्थापित करके,उसमें गंगाजल डालकर चौकी में लाल रंग का वस्त्र का आसन देकर उसमें माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें। इसके बाद मां शैलपुत्री की अर्चन वंदन करते हुए व्रत रहने वाले भक्त वृत का संकल्प लें। सफेद रंग का पुष्प अर्पित करें। इसके बाद अक्षत व सिंदूर माता रानी को अर्पित करें। मां शैलपुत्री को सफेद रंग का वस्त्र चढ़ाएं। गाय के घी से निर्मित मिष्ठान का भोग लगाएं। घी का दीपक जलाकर माता रानी की आरती उतारें।
घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह कहते हैं,कि सोमवार से नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। सुरक्षा के दृष्टिगत मंदिरों में पुलिसबल के साथ पीएसी बल भी तैनाती करने के साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों को सिविल पोशाक में भी लगाया गया है।