उन्नाव।माहे रमजान के आखिरी जुमा जुमअतुल विदा के मौके पर बांगरमऊ नगर एवं क्षेत्र की मस्जिदें नमाजियों से खचाखच भर गई । इस मौके पर जहां नौजवान और बच्चों के चेहरे पर ईद की आमद की खुशी झलक रही थी – वही बुजुर्गों के चेहरों पर माहे रमजान की जुदाई का मलाल साफ झलक रहा था।बांगरमऊ नगर के मोहल्ला हबीब नगर की मस्जिद में जुमा के खुतबे के दौरान मौलाना फैसल बिलाल जाम ई ने कहाकि माहे रमज़ान अच्छी बातों की ट्रेनिंग का महीना था । यह माह बुराइयों से रोकता है और भलाई की तरफ ले जाता है । उन्होंने कहा कि इस माह में इंसानियत और भाईचारे की ट्रेनिंग दी जाती है । किसी का हक मारना , किसी को तकलीफ पहुचाना – किसी का दिल दुखाना सबसे बड़ा गुनाह है। उन्होंने कहा कि समाजसेवा से बढ़कर कोई पूण्य का कार्य नही । मौलाना साहब ने बताया कि अल्लाह की इबादत में कोताही हो जाती है तो तौबा करने से अल्लाह माफ् कर देता है। लेकिन इंसान को तकलीफ पहुचाने पर इंसान से ही माफी मांगनी पड़ेगी । उन्होंने कहा कि आजकल बहन – बेटियों का हक मारा जा रहा है । बहन बेटियों की हकत्ल्फ़ी करने वाले को अल्लाह माफ नही करेगा । इसलिए बहन-बेटियों – रिश्तेदारों एवं पडोसियों के हक को अदा करें । तभी माहे रमजान मुबारक माह साबित होगा । इसी क्रम में कस्बा गंज मुरादाबाद, फतेहपुर चौरासी, ग्राम फतेहपुर खालसा – फतेहपुर हमजा – नेवल – रघुराम पुर – मदार नगर – दरियापुर – मऊ – सुरसेनी – आसत – भठियापुर व अतरधनी, तकिया निगोही, पट्टी उस्मान, पट्टी हमीद, सैता, दबौली,बरुआघाट आदि गांवो में भी अलविदा की नमाज अदा की गई । इस दौरान उप जिलाधिकारी – क्षेत्राधिकारी व कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक पुलिस बल के साथ नगर तथा क्षेत्र में भ्रमण करते रहे।