फतेहपुर। शहर में अन्ना मवेशियों को कूड़ेदान में झुंड का झुंड बैठा देखा जाता है अभियान चला कर अन्ना गौवंशों को आश्रय स्थलों तक पहुंचाने का फरमान तो सरकार जारी कर देती है लेकिन फतेहपुर जिले में अन्ना गौवंशों की आवारगी बढ़ी हुई है। शहर मे सड़कों व कूड़ेदान एवं आम जगहों में अन्ना मवेशी देखे जा सकते हैं।हद तो तब है जब कहीं न कहीं ईयर टैग लगे गौ-आश्रय स्थल में बंद गौवंश भी सड़कों पर दिखाई पड़ रहे हैं।नगरपालिका के कैटल कैचर शो-पीस बने हैं।वैसे अन्ना गौवंशों को संरक्षित करने के लिए शहर में कुछ गौशालाएं संचालित की गई हैं।जहां गौवंश आश्रय पाए हुए हैं लेकिन सैकड़ो की तादाद में गलियों,एवं शहरी रास्तों में देखे जा सकते हैं।अब अन्ना मवेशी खुलेआम क्यों घूम रहे हैं?इसका जवाब तो जिम्मेदारों के पास ही है लेकिन प्रदेश सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेगी और आवारा गौवंशों से जनता एवं किसान परेशान हो चुके हैं
आवारा गौवंशों को पकड़ने के लिए नगरपालिका परिषद में 02,कैटल कैचर हैं जरूर लेकिन फिलहाल वह शो-पीस बने हुए हैं।शासन से मिले निर्देशों के बाद दिखाने के लिए अभियान चलाने वाले जिम्मेदार चुप्पी साधे हैं।इसी का नतीजा है कि बड़ी संख्या में आवारा गौवंश खुलेआम घूम रहे हैं किसानों की अन्ना मवेशियों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है हलांकि आवारा गौवंशों में थोड़ी कमी जरूर आई है लेकिन जितने भी गौवंश बाहर छुट्टा घूम रहे हैं वही आम लोगों एवं किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं
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