संवाददाता घाटमपुर।कानपुर में शुक्रवार सुबह रोडवेज बस ने साइकिल सवार 3 दोस्तों को कुचल दिया। तीनों पॉलिटेक्निक छात्र थे। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ और छात्र भी बस की चपेट में आए। उन्हें सड़क किनारे पानी से भरे गड्ढे में ढूंढा गया है। वहीं, हादसे के बाद बस बेकाबू होकर सड़क किनारे गड्ढे में गिर गई। बस में सवार कई यात्री घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल भेजा गया है। हादसा कानपुर-सागर हाईवे पर स्थित पतारा कस्बे के पास एक पुलिया पर हुआ। वहीं हादसे के बाद 6 घंटे तक हंगामा चला। अफसरों के काफी समझाने पर परिजन माने और हाईवे पर ट्रैफिक बहाल हुआ। शवों को पी एम के लिए भेजा कानपुर
हादसे के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने कानपुर सागर हाईवे पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि वहां आए दिन तेज रफ्तार वाहनों की टक्कर से ऐसे हादसे होते हैं। हाईवे पर स्कूल और कॉलेज हैं। इसके बावजूद यहां न जेब्रा क्रॉसिंग है और न ही ब्रेकर।
घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। हादसे के समय बस कानपुर से हमीरपुर जा रही थी। तीनों छात्र भरूवा सुमेरपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ते थे। उनके घर से कॉलेज करीब 45 किलोमीटर दूर है। वह साइकिल से पतारा रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ कर सुमेरपुर जाते थे। आज सुबह साइकिल से सवार होकर भी वह कॉलेज के लिए निकले। जैसे ही स्टेशन रोड पहुंचे कि तेज रफ्तार बस ने उन्हें कुचल दिया। तीनों छात्रों की पहचान घाटमपुर थाना के कुंवरपुर निवासी दीपक तिवारी, अंकुश प्रजापति, मनीष कुमार सविता के रूप में हुई है। वो 2 साइकिल पर सवार थे।
जिस पुलिया के पास सड़क हादसा हुआ, उसके साइड में पानी भरा था। पुलिस को जानकारी मिली है कि हादसे के बाद कुछ छात्र उस गहरे पानी में भी गिरे हैं। इसके बाद पुलिस ने बंबी में उतरकर खुद छात्रों की तलाश शुरू की अभी तक पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है। पुलिस को यहां पर सिर्फ एक छत्र का बैग मिला है।
मृतक छात्र दीपक घर का इकलौता पुत्र था। पिता रिंकू उर्फ मुन्ना ने बताया कि वह सुबह घर से कॉलेज जाने को निकला था। उन्हें क्या पता था, कि हादसा हो जाएगा। नहीं तो वह बेटे को आज कॉलेज नहीं भेजते। यही कहकर वह फूट-फूटकर रोने लगे।मृतक छात्र अंकुश प्रजापति के पिता रामबाबू ने बताया कि वह खेती किसानी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनके तीन बेटे थे, जिसमें सबसे छोटे वाले बेटे अंकुश की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। हादसे के बाद से पिता सहित बड़ा बेटा अनुज दूसरा बेटा अंकित व मां पार्वती का रो रोकर बुरा हाल है। मृतक छात्र मनीष सविता के पिता राकेश सविता खेती किसानी करके परिवार का भरण पोषण करते थे। उन्होंने बताया कि मनीष दो भाई थे। सड़क हादसे में छोटे बेटे मनीष की मौत हो गई है। घटना के बाद बड़े भाई अर्पित और मां अंजू का रो रोकर बुरा हाल है।
घटनास्थल पर पहुंचे घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह ने हंगामा कर रहे मृतक के परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हो गई। इसके बाद पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। इसके बाद ग्रामीणों ने सड़क किनारे रखे कटीले पेड़ की डालें और ईंट हाइवे पर डाल दिए। पुलिस लोगों को कार्रवाई करने का आश्वासन दे रही है, पर ग्रामीणों की मांग थी कि हाईवे पर ब्रेकर बनवाए जाएं और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।
घाटमपुर तहसीलदार लक्ष्मीनारायण बाजपेई ने मृतक के परिजनों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है, पर ग्रामीण कानपुर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े थे,ग्रामीणों ने तहसीलदार से कहा कि मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि तत्काल मौके पर दी जाए। जब तक यहां पर आकर कानपुर डीएम उन्हें आश्वासन और मुआवजे की राशि नहीं देते, तब तक लोग हाइवे पर जाम नहीं खुलने देंगे। घटनास्थल पर ग्रामीणों की मांग ब्रेकर बनवाने की थी, जिस पर पीएनसी की एक गाड़ी मौके पर ब्रेकर बनाने पहुंची। यहां पर घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने पीएनसी की गाड़ी पर लाठी डंडे चलाना शुरू कर दिया। यह देखकर पीएनसी की गाड़ी के चालक ने भागकर अपनी जान बचाई। ग्रामीणों ने गाड़ी के ऊपर रखे ड्रम को गाड़ी से नीचे फेंक दिया। जिसके बाद लाठियों से ड्रम को फाड़ने की कोशिश की। पुलिस ने लाठी पटकी तो ग्रामीण पीछे हो गए,घटना के बाद पुलिस ने तीनों छात्रों के शव को पतारा सीएचसी पहुंचाया था। जहां पर पहुंचे ग्रामीण ने तीनों छात्रों के शव को उठाकर घटनास्थल पर ले आए और मुआवजे की मांग को लेकर तीनों छात्रों के शव को कानपुर-सागर हाइवे पर रखकर हंगामा शुरू कर दिया।
घटनास्थल पर पहुंची कानपुर एडीएम एल-ए रिंकी जायसवाल और घाटमपुर एसडीएम यादुवेंद्र सिंह वैश्य ने लोगों को शासन के द्वारा हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने मृतक के परिजनों को आवास योजना समेत अन्य योजनाओं का तहसील स्तर से लाभ दिलाने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद भी ग्रामीण मुआवजा तत्काल दिलाने की जिद पर अड़े थे।घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने कानपुर सागर हाइवे पर जाम लगा दिया। लगभग पांच घंटे के बाद भी जाम नही खुला है। जिसके चलते घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार ने कानपुर सागर हाइवे पर रमईपुर से वाहनों घाटमपुर की ओर आने वाले वाहनों को साढ़ की ओर डायवर्ट किया।घाटमपुर चौराहे से कानपुर की ओर आने वाले वाहनों को फतेहपुर की ओर रवाना किया गया है। हाइवे पर 20 किलो मीटर लम्बा जाम लग गया।
मौके पर पहुंची एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने मृतक के परिजनों को बस चालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। जिस पर परिजन मान गए इसके बाद पुलिसकर्मी तीनों छात्रों के शवों को आनन-फानन एंबुलेंस में रखकर पोस्टमार्टम हाउस भेजा। हाईवे से तीनों छात्रों के शव उठने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली,हाईवे में छह घंटे बाद सुचारु रूप से यातायात बहाल हो पाया।