उन्नाव।बांगरमऊ नगर के मोहल्ला गुलाम मुस्तफा (गोल कुआं) में स्थित हुसैनी मस्जिद में बीती रात हाफिज, मौलाना व खतीब मोइनुद्दीन कादरी ने तरावीह की नमाज में कुरआन पाक मुकम्मल किया। इस मौके पर फातिहा के साथ खास दुआ भी की गई, जिसमें मुल्क में अमन-चैन, खुशहाली व तरक्की की दुआएं मांगी गई।
इस मौके पर लोगों को खिताब करते हुए हाफिज, मौलाना व खतीब मौलाना मोइनुद्दीन कादरी ने कहा की रमजान का महीना सारे महीनों का सरदार है। इस मुबारक महीने में ही कुरआन पाक नाजिल हुआ, इसलिए इस्लाम में इस महीने की बड़ी फजीलते हैं। माहे रमजान और नमाजे तरावीह की अहमियत पर रौशनी डालते हुए कहा कि अल्लाह तआला रमजान में अपने बंदों के लिए काफी इनामात से नवाजता है, हालांकि बंदा भी ऐसा होना चाहिए जो अल्लाह के हुक्म की फरमाबरदारी करे। यह महीना मोमिनों के लिए अल्लाह का सबसे बेश कीमती तोहफा है। उन्होंने आगे कहा कि रमजान को दस-दस दिनों के तीन हिस्सों (अशरों) में बांटा गया है। पहला हिस्सा (अशरा) रहमत का है, इस अशरे में खूब इबादत कर अल्लाह की रहमतों से मालामाल हो जायें। खुदा की सबसे ज्यादा रहमतें इस अशरे में बरसती हैं। दूसरा अशरा मगफिरत और तीसरा अशरा निजात का है। इस महीने में एक नफिल का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब 70 गुना कर दिया जाता है।
कुरआन पाक मुकम्मल होने पर मुबारकबाद देने वालों का तांता लग गया। इस दौरान मालाओं से लादते हुए नमाजियों ने हाफिज, मौलाना व खतीब मोइनुद्दीन कादरी से गले मिलते हुए खूब इनआम व तोहफे भी दिए। तरावीह की नमाज के बाद सभी रोजेदारों द्वारा अपने गुनाहों से माफी, जहन्नम की आग से बचाव, आपसी भाईचारे व सामाजिक सौहार्द तथा विश्व शांति के लिए सामूहिक रूप से खास दुआ भी की गई। इस मौके पर नगर के समाजसेवी फजलुर्रहमान, जान मोहम्मद, शब्बीर बाबू, मो० अशफाक, नबीदादा खां, मो० हसीन, मो०दीन खां, दिलशाद, अजीजुर्रहमान “आदिल”, मो० कैफ, सलीम खां, मो०इरफान, अनीसुर्रहमान, गुड्डू खां, मो०फैशल, मो०अफजाल, मो०इरशाद, ताहिर अली, शब्बन, मच्छन खां, नुशरत अली सहित काफी तादाद में नमाजी मौजूद रहे।