भक्त प्रहलाद की कथा सुन श्रोता हुए सराबोर

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उन्नाव।तहसील क्षेत्र बांगरमऊ के ग्राम गोशा कुतुब में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस रविवार को कथावाचक आचार्य अवधेश कुमार अवस्थी जी ने भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णन कर श्रद्धालु भक्तों को परमात्म भक्ति से सराबोर कर दिया। उन्होंने उपदेश दिया कि परमात्मा की शरण में जाने के बाद मानव भय से मुक्त हो जाता है।भागवताचार्य श्री अवस्थी ने बताया कि भगवान पापियों का भी उद्धार कर देते हैं। हिरण्य कश्यप ने अपने राज्य में राम का नाम लेने तक पर पाबंदी लगा रखी थी और उसने रामभक्तों को कारागार में डाल दिया था। फिर भी प्रहलाद की याचना पर भगवान विष्णु ने नृसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप जैसे राक्षस का उद्धार कर दिया और अपने भक्त प्रहलाद को अपनी गोदी में उठा लिया। उन्होंने कथा का रहस्य बताया कि प्रहलाद जीव है और हिरण्यकश्यप माया है। जीव के परमपिता परमात्मा की शरण में पहुंचते ही माया उसे छोड़कर भाग खड़ी होती है। मुख्य यजमान देवी प्रसाद पाठक, बजरंग विहार ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक पाठक, आशुतोष, मुरारी शुक्ला विष्णु देव त्रिपाठी, कृष्णदेव त्रिपाठी व ललई त्रिपाठी आदि भक्तों ने भगवान नृसिंह की आरती कर प्रसाद ग्रहण किया।

 


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