नियमो को ताक पर रख कर पट्टाधारक करा रहा भारी मशीनों से मौरम खनन मिली भगत व बन्दरबाट से सरकार को हो रहा राजस्व का भारी नुकसान

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प्रमुख संवाददाता अजहर उद्दीन फतेहपुर। जनपद में यमुना किनारे स्थित घाटों पर मौरम खनन करने के लिए पट्टे दिये गये है। इसके तहत राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के नियमों के दायरे में बालू निकासी करना होता है, लेकिन कुछ जगह पट्टाधारक नियमों को ताकपर रखकर मौरम का खनन कर रहे हैं। आरोप है कि पुलिस प्रशासन के कुछ और संबंधित विभाग कर्मी की मिलीभगत से नदी की धारा से भारी मशीनों द्वारा मौरम की निकासी करवाई जा रही है। इससे सरकार को लाखों रुपये राजस्व का भी चूना लग रहा है। बता दें कि ललौली थानांतर्गत यमुना नदी किनारे के अड़ावल घाट के खण्ड नम्बर 9 में भी मौरम निकासी का पट्टा हुआ है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पट्टाधारक को पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी हुआ है। उसके मुताबिक न रात और न ही नदी की धारा से मौरम निकासी की जा सकती है। बावजूद इसके नदी की धारा से खनन किया जा रहा है, और रात के अंधेरे में भी मौरम निकासी कराई जा रही है। पट्टाधारक पुलिस प्रशासन के कुछ कर्मियों व खनन विभाग की मिली भगत से दिन-रात नदी की बहती धारा से लाल सोने का खनन कर एनजीटी के नियमों की बेखौफ होकर धज्जियां उड़ा रहा हैं। अड़ावल घाट के खण्ड नम्बर 9 से अंधाधुंध मौरम का खनन कराके हर रोज हजारों ट्रक-डंपर और ट्रैक्टर से मौरम निकासी कराई जा रही है। चर्चा है कि मामले की जानकारी होने के बाद भी स्थानीय पुलिस और तहसील प्रशासन व खनन विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। खनन माफिया द्वारा रात के अंधेरे में भारी भरकम मशीनें लगाकर मौरम का अवैध तरीक़े से खनन किया जा रहा हैं, बड़ी बात ये है कि सम्बंधित अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। जबकि इस खंड से मौरम भरे ओवरलोड ट्रक ट्रैक्टर रात के अंधेरे में जम के निकल रहे हैं, जिससे करोड़ो की बनी सड़के भी खस्ताहाल हो रही हैं। वही लग्जरी गाड़ी से चलने वाले अड़ावल खण्ड 9 मौरम घाट के एक कथित हिस्सेदार जो कि अपने को लोकल जिले का निवासी और सत्ता का करीबी बताता है कि माने तो सब बड़े सिस्टम की बात होती है तो कैसे कार्रवाई होगी बहुत कुछ सब समझा जाता है। कौन नही जानता कि मौरम घाट में क्या होता है पर सिस्टम होता है तो मजाल है कि कार्रवाई हो।


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