गठबंधन की सियासत तो फिर फतेहपुर से चुनाव लड़ सकती है कांग्रेस

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अखिलेश और राहुल की मंगलवार सीट बंटवारे पर सहमति होने पर रायबरेली के साथ कानपुर सीट भी जा सकती है कांग्रेस के खाते में।

प्रमुख संवाददाता अजहर उद्दीन फतेहपुर यूपी।लोकसभा चुनाव में मोदी की राह रोकने को बने इंडिया गठबंधन की तरफ से फतेहपुर संसदीय सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है। सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर जिस तरह से सियासी समीकरण सामने आ रहे हैं। उसका लब्बोलुआब यही निकलकर सामने आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश सिंह यादव और राहुल गांधी के बीच होने वाली वार्ता अगर सफल होती है तो रायबरेली के साथ कानपुर सीट भी कांग्रेस के खाते में जा सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन में जिस तरह से चुनाव से पहले उठापटक के साथ बिखराव की राजनीति देखने को मिल रही है। इंडिया गठबंधन के संयोजक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस गठबंधन से किनारा कर भाजपा के साथ हो जाने और कई कद्दावर कांग्रेसियों
के पार्टी से नाता तोड़ने के बाद जो हालात दिख रहे हैं। उससे यह गठबंधन, अभी अपनी एका का अहसास नहीं करा पा रहा है।
और तो और एक मंच का हिस्सा बनीं सपा और कांग्रेस, सीट बंटवारे को लेकर एक साथ चुनाव लड़ेंगी या नहीं। यह अभी भविष्य के गर्त में छिपा है लेकिन 24 घंटे के अंदर जो हालात उभरकर सामने आने वाले हैं। उससे ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों पार्टियों के बीच बात बन सकती है। इस वक्त कांग्रेस के अगलाकार राहुल गांधी, यूपी में चुनावी समीकरण साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं। सूत्रों की माने तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव से उनकी मंगलवार को मुलाकात हो सकती है। इस बातचीत के दौर में सपा, कांग्रेस को प्रदेश की 17 सीट देने पर राजी हो सकती है। इन सीट में रायबरेली के साथ कानपुर और फतेहपुर सीट भी शामिल मानी जा रही हैं। ऐसी दशा में अगर इन दोनों नेताओं के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति की मुहर लगाती है तो फिर फतेहपुर संसदीय सीट से सपा बैक हो सकती है और कांग्रेस इंडिया गठबंधन की तरफ से मैदान पर उतर सकती है। हालांकि स्थानीय स्तर पर अभी इस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन जो खबरें छनकर बाहर आ रही हैं। उसका निहितार्थ यही निकाला जा रहा है। वैसे अगर सियासी पकड़ की बात करें तो कभी इस संसदीय सीट की सिरमौर रही कांग्रेस की हालत जिले में काफी पतली है। यह पार्टी बीपी लहर यानी वर्ष 1989 के बाद यहां पर अपने वजूद को लड़ रही है। सपा ने पहले कांग्रेस को 11 सीट देने पर सहमति जताई थी। जिस पर इन दोनों पार्टियों के मध्य बात नहीं बन सकी। अब अगर इसमें इजाफा होता है तो यह संख्या बढ़कर 17 हो सकती है। यही कारण है कि सपा ने उम्मीदवारों की जो दूसरी सूची जारी की है। उसमें प्रयागराज मंडल की प्रतापगढ़ सीट तो शामिल है किंतु फतेहपुर इस सूची में समाहित नहीं है।

जिलाध्यक्ष -इंटेलिजेंस मीडिया एसोसिशन फतेहपुर।
जिला प्रभारी – फेडरेशन ऑफ़ जर्नलिस्ट एंड एक्टिविस।


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