श्रम विभाग के बीओसी पोर्टल से एक करोड से ज्यादा धोखाघडी करने वाले छः अभियुक्त गिरफ्तार

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हरिशंकर शर्मा। नव हिन्दुस्तान पत्रिका
– साइबर क्राइम को अंजाम देने में श्रम विभाग का संविदा लेखाकार का रहा बडा हाथ
– बैंक में पडे 64 लाख की रकम को पुलिस ने किया सीज, पांच लैपटाप व मोबाइल किए बरामद
कानपुर। श्रम विभाग के बीओसी बोर्ड के पोर्टल को हैक कर एक करोड से ज्यादा की रकम को उडाने वाले ठगो को सर्विलांस, स्वाट टीम द्वारा घटना का खुलासा कर लिया गया है। पुलिस ने इस घटना में शामिल छः अभियुक्तो को गिरफ्तार कर लिया है।
आपको बता दे कि एक फरवरी, 2024 को अपर श्रमायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने ने साइबर अपराधियों के खिलाफ तहरीर दी थी जिसमें बीओसी के पोर्टल को हैक कर कन्या विवाह सहायता योजना के अर्न्तगत अनुदान के फर्जी आवेदन कर उनकी आईडी व अधिकारियों के फर्जी डिजीटल सिग्नेचर का प्रयोग कर डीएजसी तथा एएलसी की आईडी को स्कीप करते हुए कुल 196 अपात्र श्रमिको के खाते में लगभग एक करोड 7 लाख की धनराशि का साइबर धोखाघडी कर ट्रांसफर कर लिया गया था। पुलिस ने अपर श्रमायुक्त की तहरीर पर साइबर थाने में मामला दर्ज किया था। घटना के खुलासे के लिए पुलिस आयुक्त ने सर्विलांस टीम, स्वाट टीम समेत 4 टीमो का गठन किया था जो इस मामले की जांच कर रही थी। पुलिस ने सभी साक्ष्य एकत्र करते हुए अपराधियों को चिळनत करते हुए उनकी गिरफ्तारी कर ली। पुलिस ने डिजिटल इलेक्ट्रानिक डिवायसिस को बरामद करते हुए रायपुर, छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदो से 6 अभियुक्तो को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। पुलिस ने अभियुक्तो द्वारा प्रयोग किये गए विभिन्न खातो से लगभग 64 लाख की रकम को फ्रीज किया है। पकडे गए अभियुक्तो में उदित मिश्रा पुत्र सुनील मिश्रा नि0 सजेती कानपुर, नैन्सी ठाकुर पुत्री गोविन्द ठाकुर नि0 नागपुर महाराष्ट्र, अंकित मिश्रा पुत्र सुनील मिश्रा नि0 सजेती, मो0 यासीन पुत्र खुर्शीद अली नि0 मुरादाबाद, ललित कश्यप पुत्र तुलसी नि0 अम्बेडकर नगर मुरादाबाद व विनय दीक्षित पुत्र रामनिवास नि0 आर्दश नगर सीतापुर है।पुलिस ने इन अभियुक्तो के पास से 63 लाख रूपये को फ्रीज किया, 7 मोबाइल फोन, 5 लेपटाप, एक सोन की चेन, 2.39 लाख नकद, चेकबुक, एक बैंक पास बरामद की। पुलिस उच्चाधिकारी ने पकडने वाली टीम को एक लाख नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

ऐसे दिया था घटना का अंजाम
पुलिस ने अभियुक्तो से पूछतांछ करने के बाद बताया कि इस पूरी साइबर धोखाघडी का मास्टर माइंड उदित मिश्रा है जो कि पूर्व में सेजती घाटमपुर में सीएससी चलाता था। इसी दौरान वह अपनी महिला मित्र नैंसी ठाकुर तथा गैंग के सदस्यों मुनाजिर, अर्जा यासीन, ललति कश्यप , मस्तान व सीतापुर निवासी विनय दीक्षित के संपर्क में आया। उदित मिश्रा की महिला मित्र नैंसी ठाकुर कम्प्यूटर साइंस में बीटेक है तथा उदित मिश्रा यूट्यूब तथा अन्य माध्यम से साइबर सिक्योरिटी के कई ऑनलाइन कोर्स किए है। श्रम विभाग के बीओसी की बेबसाइट पर प्रोग्रामिंग की तथा मौजूद बगक्स वेबसाइट की सुरक्षा खामियों एवं मौजूद बग की पहचान कर कई तरह के बाईपास तलाश कर लिए थे। जिससे बिना एल.ई.ओ के बेरीफिकेशन के आनलाइन पूरी प्रक्रिया को स्कीप कर डीएलसी का एप्रवूल कर लिया। सीतापुर निवासी विनय दीक्षित जो कि मंडलीय श्रम विभाग में संविदा पर सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत है ने श्रम विभाग के एलसी एवं डीएलसी के यूजरनेम पासवर्ड की सूची की डिजीटल सिग्नेचर प्रदान किया जिसके माध्यम से इन लोगो ने अपात्र श्रमिको के फर्जी पंजीकरण कर कन्या विवाह योजना का आवेदन कर ऑनलाइन श्रम विभाग के एकाउंट से ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिया था।


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