हरिशंकर शर्मा
कानपुर। देश के 75वा गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। आज के ही दिन हमारे देश को अपना संविधान मिला था। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बज कर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। इसके 6 मिनट बाद 10 बज कर 24 मिनट पर डा0 राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। भारत का यह संविधान विश्व के सबसे ताकतवर संविधानो से भी सर्वाेच्च्व है। जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 2 साल 11 महीने 18 दिन में यह तैयार हुआ था। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। इस पर सरदार भगत सिंह का एक शेर सामने आया कि
मेरे जज़्बातों से इस कदर वाकिफ है मेरी कलम
मैं इश्क़ भी लिखना चाहूँ तो भी इंकलाब लिख जाता है
इस बार का गणतंत्र दिवस इसलिए भी ख़ास हो जाता क्योंकि विश्व के करोड़ों लोगो की आस्था के प्रभु श्रीराम अयोध्या में नवनिर्मित अपने घर में विराजमान हुए है।
ये गणतंत्र दिवस भारत के चंद्र यान और आदित्य मिशन का साक्षी बना है।ये गणतंत्र दिवस समस्त विश्व में भारत की बढ़ती धमक का साक्षी है। ये गणतंत्र दिवस इस बात का भी गवाह है कि अगर मज़बूत इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प हो तो आप के इरादों को परवान चढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।जिस प्रकार से भारत ने विकास किया है चाहे वो यातायात हो ए विज्ञान होए तकनीकी या इंजीनियरिंग होए चिकित्सा होए या आत्मनिर्भरता होए ग्रामीण या शहरी विकास होए लगभग हर क्षेत्र में भारत ने जो तरक़्क़ी की है प्रगति की है जो आत्मविश्वास दिखाया है वो हर भारतवासीयो के लिए गर्व का कारण है। आओ मिलकर एक समर्ध राष्ट्र निर्माण करे आओ मिलकर ख़ुद पर गर्व करने का काम करे।