नीरज बहल
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलटी-3 में क्लीनिकों पैथोलॉजिकल कांफ्रेंस (सीपीसी) का आयोजन किया गया। सीपीसी की अध्यक्ष डॉ नीना गुप्ता एवं सचिव डॉ लुबना ख़ान ने बताया कि सीपीसी में प्रत्येक माह के तृतीय शनिवार को दुर्लभ एवं जटिल रोगों पर गोष्ठी की जाती है।
हैलट के बाल रोग चिकित्सालय में प्रोफेसर रूपा डालमिया सिंह की यूनिट में भर्ती 8 वर्षीय लडकी पर व्याख्यान किया गया, जो पिछले दो सालों से छाती में दर्द , दिल की धड़कन का बार-बार जोर से धड़कना, सिर में दर्द व अचानक पसीना निकले की शिकायत से परेशान थी। इधर-उधर इलाज कराने पर आंशिक सुधार के अलावा कोई राहत नही मिल पाई थी। पूरी जांच करने पर बच्ची को हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप/ हाई बीपी) की बीमारी से ग्रसित पाया गया। चूँकि बच्चों में हाइपरटेंशन अमूमन कम पाया जाता है और उसका कोई न कोई गंभीर कारण जरूर होता है इसलिए विस्तृत जांच की गई। न्यूरो-एंडोक्राइनल ट्यूमर होने की आशंका होने पर मेडिकल कॉलेज के ंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉक्टर शिवेंद्र वर्मा की राय उपरांत फुल बॉडी सी टी स्कैन व कुछ हॉर्माेन्स की जांच करने पर मज्जातन्तु के दोनों तरफ सिम्पथेटिक चेन का बहुत ही बड़ा टयूमर, (पेरागंगलिओमा )पाया गया। इस ट्यूमर से कुछ ऐसे हॉर्माेन्स निकलते रहते हैं जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर दवाइयों के चलते भी ठीक नही हो पाता और इसी वजह से इसे ऑपरेशन द्वारा निकाला जाता है और यह आपरेशन बहुत ही गम्भीर होता है व मरीज की जान को खतरा होता है। मगर इलाज के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है । इस गंभीर बीमारी के इलाज में मेडिकल कॉलेज के अन्य विभाग जैसे कि रेडियोलोजी (डॉ बिट्ठल शुक्ला), पैथोलॉजी (डॉ योगेन्द्र नारायण वर्मा), निश्चेतना विभाग (डॉ नेहा मिश्रा), व बाल्य शल्य , चिकित्सक (डॉ श्रद्धा वर्मा) शामिल रहे। प्राचार्य डॉ संजय काला व उपप्रधानाचार्य डॉ ऋचा गिरी ने संबंधित सभी विभागों को इस जटिल केस के इलाज के लिए बधाई दी। प्राचार्य डॉ काला ने बताया कि मुख्यमंत्री रोगी कल्याण कोष से इस बालिका को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई, जिससे यह अब पूर्ण रूप से स्वास्थ है।