हरिशंकर शर्मा कानपुर। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में शुरू हुआ सप्ताह भर का स्वच्छता अभियान के प्रथम दिन डॉक्टर एवं कर्मचारियों को स्वच्छता रखने एवं कूड़ा निस्तारण के बारे में बताया गया। अस्पताल में मरीज के इलाज के दौरान, एवं उसके तीमारदारों के द्वारा विभिन्न प्रकार का कचरा ओटी एवं वार्डों में उत्पन्न होता है। भिन्न प्रकार के कचरो का भिन्न-भिन्न निस्तारण होता है जिसको डालने के लिए अलग-अलग रंग के डस्टबिन होते हैं। पीले डस्टबिन में पस, खून की पटियां आदि लाल डस्टबिन में प्लास्टिक का कचरा एवं काले डस्टबिन में सामान्य कचरा डाला जाता है। एक समय में मरीज एवं तीमारदारो एवं कर्मचारियों को मिलाकर अस्पताल में लगभग 700 से 800 लोग होते हैं, यदि हर व्यक्ति कचरा फैलाएं तो कचरे का प्रबंध असंभव है। दूसरे दिन वार्डों में मरीजों एवं तीमारदारों को स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया एवं कचरे के उचित निस्तारण के बारे में जानकारी दी गई। गंदगी से फैलने वाले बीमारियों के बारे में बताया गया। डॉक्टर ने एवं कर्मचारियों ने परिसर को स्वच्छ रखने एवं कचरा ना फैलाने का संकल्प लिया।