अन्ना जानवरों से गेहूँ की फसलों को भारी नुकसान से किसान परेशान

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नव हिन्दुस्तान पत्रिका उन्नाव।

गेहूं की फसल को अत्यधिक नुकसान पहुंचा रहे आवारा पशु

उन्नाव शुक्रवार। राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद संस्थापक अध्यक्ष ने अन्नदाता किसानों का सहारा बनकर उनकी समस्या शासन आलाधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य करने का संकल्प लिया।
इस भीषण ठंड में जिन्हें घर पर रहना चाहिए वह अपने खेत में पहरा दे रहे हैं गेहूं की बुवाई हो चुकी है और पौधा बड़ा होने लगा है, लेकिन गांवों में आवारा पशुओं की वजह से गेहूं की फसल पर खतरा बना हुआ है फसल को नुकसान से बचाने के लिए किसान प्रयास भी कर रहे हैं, जिससे सभी पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।
संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने कहा कि यह समस्या जिलेभर में बनी हुई है धान कटाई होने पर जैसे ही खेत खाली हुए, तो किसानों ने गेहूं की बुवाई कर दी। जिन खेतों में बुवाई हुई,उनमें गेहूं का पौधा काफी बढ़ गया है, तथा दिसंबर तक बुवाई वाले खेतों में भी पौधा निकलना शुरू हो गया है। इसी बीच किसानों की चिंता आवारा पशुओं ने अत्यधिक बढ़ा दी है। आवारा पशु खेतों में घुसकर अभी से गेहूं की फसल को नष्ट कर रहे हैं। जिस कारण किसानों को काफी परेशान होना पड़ रहा है जिसके फलस्वरूप तारबंदी पर लगभग 50 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च फसल को बर्बाद होने से बचाने के लिए किसान अपने खेतों की तारबंदी भी कर रहे हैं। खेत के चारों तरफ पिलर गाड़कर तार की फेंसिंग की जा रही हैं,ताकि फसल में आवारा पशु न घुसने पाएं।
इसके बावजूद किसानों को रात में पहरा देने को मजबूर है। क्षेत्र के गांव खेत में गौशाला निर्माण न होने पर उन्होंने आक्रोश जताते हुए संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला का सहारा लेकर जनपद व प्रदेश में उनकी आवाज को बुलंद करने के लिए हर संभव मदद के लिए आगे रहने की बात कही।
सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए संस्था अध्यक्ष ने यह भी बताया कि क्षेत्र में नील गाय और आवारा पशुओं ने किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस संबंध में जनपद व तहसील में भी शिकायत की गई,लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। रात में पहरा भी देना पड़ रहा है। गांव तोरा निवासी कुलदीप का कहना है कि आवारा पशुओं को खेतों में घुसने से रोकने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए गो संरक्षण केंद्र का निर्माण जल्दी पूरा कराया जाना चाहिए गांव मनिकापुर निवासी किसान लल्लू का कहना है कि गेहूं और धान की फसल को गोवंश के अलावा नीलगाय, जंगली सूकर और बंदर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने जनपद के आला अधिकारियों को पत्र देकर जिन ग्राम सभा में गौशाला नहीं निर्माण है उन स्थानों में निर्माण कराया जाए ऐसा कहते हुए चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो तहसील, जनपद, प्रदेश स्तर पर विशाल धरना प्रदर्शन करते हुए गोवंशों को सरकारी स्कूलों में बंद किया जाएगा।
संबंधित अधिकारियों ने एक सप्ताह का समय दिया है क्योंकि किसान हमारे बहुत ही परेशान है।
किसानों ने बताया कि अगर हमारे ग्राम सभा में गौशाला बन जाता है तो आप हमारे भगवान होंगे।
इस भीषण ठंड में भी संस्था अध्यक्ष के द्वारा हजारों गौ माता को वर्षों को कंबल झूल बोरा पहनाकर उनकी सेवा कर रहे हैं।


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