स्टॉल लगाकर सेल किए जा रहे गोबर से बनी स्वदेशी मूर्ति एवं दीप
दो दिनों तक खरीदारी करने का सुनहरा अवसर
*कानपूर ब्यूरो* राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने ठाना है कि चाइनीज मुक्त सामान के साथ राष्ट्रीय कामधेनु दिवाली भी सभी को मनाना है। गाय के गोबर से बने दीयों की अद्भुत छटा से दिवाली रंगीन होगी पहली बार इस बार 11 करोड़ 5 लाख दीये बनाए गए हैं, जिन्हें आम जनता को बेचा जा रहा है। गाय के गोबर से बने दीये जलाने से प्रदूषण कम होने के साथ ही प्रकृति को शुद्धता भी मिलेगी,जबकि दीये बना रहे लोगों को रोजगार भी हासिल हो रहा है। दीयों से बहुत जल्द गाय के गोबर से देवी-देवताओं की मूर्ति बनाने की तैयारी भी हो रही है। मां गंगा, गाय और गायत्री सनातन संस्कृति की मुख्य धरोहर मानी जाती हैं शारीरिक क्षमता बढ़ाने को घर-घर में योग हो रहा है। सीमा पर तनाव के चलते लोगों में चीन के प्रति गुस्सा काफी बढ़ गया है, जिसको लेकर चाइनीज सामान का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी सामान को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। दिवाली पर रंग -बिरंगी झालर,कैंडिल और इलेक्ट्रिक दीपों समेत चाईनीज सामान की बड़े स्तर पर खपत होती थी, परंतु चीन के प्रति गुस्सा बढ़ने से इस बार की दिवाली पर स्वदेशी सामान की खूब धूम मच रही है। गौवंश के गोबर से दीये जलाने का प्रचलन बढ़ रहा है।
गाय के गोबर से दीये बनवाने की सोच को अंकित शुक्ला ने बताया जिसके पश्चात उक्त कार्य को प्रारंभ कराकर गरीब तब के से जुड़े महिला व पुरुषों को स्वरोजगार मुहैया कराकर आत्मनिर्भर भी बनाना है। इस संस्था में दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। अंकित शुक्ला ने यह भी बताया कि उनके पास लगभग 35 लोग काम कर रहे हैं इसमें सनी ढोल विमल गुप्ता, शिवम, सुनीता ममता, हेमलता, खुशी, सुमन, आरती, पुष्पा, राजेश्वरी आदि शामिल हैं, जिन्हें प्रति दीया एक रुपये की दर से भुगतान किया जा रहा है तथा गोशालाओं से ले रहे हैं गोबर के लिए गोशालाओं में भी संपर्क किया गया है, जिसके बाद दीये तैयार कराने की योजना पर अमल प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गोशालाओं से एक हजार रुपये प्रति ट्राली की दर से गाय के गोबर की खरीद कराई जा रही है।
*लखनऊ समेत महानगरों से मिल रहा है दीयों का आर्डर*
अंकित शुक्ला ने बताया कि दीये बनाने का कार्य हाल ही में शुरू किया गया है इस संबंध में कामधेनु आयोग की वेबसाइट पर उनका नाम और मोबाइल नंबर दर्ज होने से दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत अन्य शहर कस्बों से भी दीयों के आर्डर मिलने भी शुरू हो गए हैं आर्डर पूरा कराने को लेकर अब आसपास के गांवों में भी महिलाओं से संपर्क कर उन्हें रोजगार मुहैया कराने की तैयारी की जा रही है। धर्मशास्त्रों में गाय के गोबर को बहुत पवित्र माना गया है। *गो मये वसते लक्ष्मी* अर्थात गाय के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होने का स्पष्ट उल्लेख किया हुआ है गाय के गोबर से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होने के साथ ही मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करके उन्हें सिद्ध किया जाता है। गाय के गोबर में लक्ष्मी के वास से यह स्वत:सिद्ध होता है।