नीरज बहल नव हिन्दुस्तान पत्रिका।
– अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्यंजन को मिला पेटेंट
– 2014 से चल रहे शोध को मिली कामयाबी
कानपुर। कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रोफेसरों ने कुपोषित बच्चो के कुपोषण को खत्म करने का एक महत्वपूर्ण और सटीक डाइट ढूढ़ लिया साथ ही उस डाइट को अंतररास्ट्रीय पेटेंट भी करा लिया जिसका नाम “अमृत” दिया गया जो कि अब बच्चो के अति कुपोषण को खत्म करने करने में बहुत ही ज्यादा सहायक साबित होगा। इस बारे अधिक जानकारी बाल रोग विभाग के विभागध्यक्ष डा0 यशवंत राव व प्रोफेसर डा0 अरूण आर्या ने दी।
डा0 यशंवत राव ने बताया कि यूनीसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबित देश में पांच वर्ष से कम लगभग 58 लाख से भी अधिक बच्चे अति कुपोषण के शिकार हुए है जो कि लगभग 7 प्रतिशत है। डब्लूएचओ और यूनीसेफ द्वारा (आरयूटीएफ) यानी रेडी टू यूज थरेपी डाइट जिसके लगभ्र 5 से 7 पैकट बच्चो के वजन के अनुसार खिलाए जाते है। उन्होंने बताया कि कई इतने मां बाप गरीब है जिनके बच्चो को ंसही खान पान नही मिल पाता है, और ऐसी महंगी डाइट को नही ले सकते है। अति कुपोषण को दूर करने के लिए वर्ष 2014 में तत्कालीन जिलाधिकारी डा0 रोशन जैकब से इस बारे बात हुई तो उन्होंने शोध करने को कहा और उसका नाम “अमृत” डाइट दिया। इसके बाद प्राचार्य डा0 संजय काला ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए अतंरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट कराने को कहा जिसकी प्रक्रिया शुरू की गई और लगभग डेढ़ वर्ष बाद इस भारतीय व्यजंन को पेटेंट मिल गया। उन्होंने बताया कि इस डाइट को बनाने के लिए भुनी मूंगफली, भूना चना, देशी धी या नारयिल तेज व दूध पाउडर जिसकी मात्रा 100 ग्राम रख कर उसे घर पर ही बना कर बच्चो को खिला कर उनका कुपोषण दूर कर सकती है। इसी क्रम में डा0 अरूण आर्या ने बताया कि बाहर निजी कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले डाइट पाउडर गरीब लोगो की पहुंच से बाहर होता है। गरीब बच्चो को भरपूर डाइट मिले इसके लिए बहुत कम कीमत पर महिलाएं उसे अपने घर में बना सकती है। साथ ही वर्तमान सरकार भी कुपोषण को खत्म करने पर जोर दे रही है, जिसके क्रम में यह शोध बहुत ही कारगर मील का पत्थर साबित हेागा। “अमृत” डाइट का पेटेंट मिलने के डा0 यशवंत राव व डा0 अरूण आर्या ने प्रेसवार्ता कर “अमृत” डाइट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुपोषण को दूर करने और महिलाओ को सशक्त बनाना ही मुख्य उद्देश्य है। इस मौके पर कालेज मीडिया प्रभारी एवं स्त्री एवं प्रसूती रोग की आचार्य डा0 सीमा द्विवेदी मौजूद रही।
1200 बच्चो पर हुआ शोध रहा सफल
डा0 यशवंत राव ने बताया कि 1200 बच्चो को “अमृत” डाइट दिया गया जिसका परिणाम पूर्ण रूप से सफल रहा है। इस संदर्भ में एक वर्ष पूर्व प्राचार्य डा0 संजय काला ने “अमृत” डाइट को अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट कराने को कहा और उसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई और लगभग एक वर्ष से ज्यादा समय लगने के उपरान्त हमे अतंर्राष्ट्रीय पेटेंट मिल गया और उसका सर्टीफिकेट भी प्राप्त हो गया। अब इस “अमृत” डाइट को लोगो तक पहुंचाने और उनको जागरूक करने के लिए मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि महिलाएं सशक्त बने और अपने बच्चो को कुपोषण से बचा सके।