178 वर्ष बाद दुर्लभ सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को- पं0 नीरज शर्मा

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हरिशंकर शर्मा

कानपुर। इस साल 14 अक्टूबर को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन यह सूर्यग्रहण लगेगा। ज्योतिषाचार्य नीरज शर्मा के अनुसार, इस सूर्यग्रहण बहुत ही दुर्लभ संयोग में हैं। दरअसल, 178 साल बाद ऐसा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि धार्मिक दृष्टि से सूर्यग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दौरान राहु का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है। लेकिन, इस बार 14 अक्टूबर को लगने जा रहा सूर्यग्रहण किन मायनों में खास रहेगा आइए विस्तार से जानते हैं।

*सर्वपितृ अमावस्या पर 178 साल बाद बना अद्भूत संयोग:*

दरअसल, जिस दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है उस दिन सूर्य और बुध एक साथ कन्या राशि में रहने वाले हैं। जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा। साथ ही इस दिन सर्व पितृ अमावस्या भी है और वर्ष 1845 में अश्विन सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगा था। अब 14 अक्टूबर 2023 को 178 साल बाद इस बार भी सर्वपितृ अमावस्या और सूर्यग्रहण का संयोग बन रहा है। साथ ही 14 अक्टूबर को शनिवार होने के कारण शनि अमावस्या का योग भी रहेगा। इस संयोग की वजह से देव पितृ कार्य करना और दान पुण्य करना सामान्य अमावस्या के अपेक्षा कई गुना अधिक फलदायी होगा। इस शुभ संयोग में पितरों की निमित्त जो कर्म किए जाएंगे उनसे पितरों को संतुष्टि और मुक्ति मिलेगी। साथ ही आपके पितर जाते जाते प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देंगे। इससे न सिर्फ पितरों को बल्कि उनकी प्रसन्नता और मुक्ति के लिए जो भी कार्य करेंगे उसका लाभ उन्हें भी मिलेगा।

*सर्वपितृ अमावस्या पर इन कार्यों से पाएंगे 4 गुना अधिक लाभ:*

✓ इस दिन सूर्य को अर्घ्य जरुर दें। उस जल में कुमकुम जरुर मिला दें।

✓ घर के पास में कोई नदी या तालाब हो तो वहां जाकर तीन तीन अंजली जल लेकर सभी पितरों के नाम से अर्पण करें।
इस दिन अपनी राशि के अनुसार, अन्न और वस्तुओं का दान करना शुभ रहेगा। अगर आप ब्राह्मण भोजन करा सकते हैं तो उत्तम फलदायी रहेगा।

✓ इस दिन पीपल की पूजा करें और किसी मंदिर में जाकर पीपल का पेड़ लगाना आपके कुल के लिए उत्तम रहेगा। आपके वंश की वृद्धि होगी।


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