संदीप प्रजापति अमौली/फतेहपुर
अमौली कस्बे में पैथोलॉजी लैब की भरमार सी आ गयी है। जिनका नाही रजिस्ट्रेशन है और नाही एनओसी जो पूर्णतयः फर्जी तरीके से संचालित हो रही है। वैसे देखा जाये तो प्रत्येक लैब में डिग्री होल्डर डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन उपस्थिति में ही पैथोलॉजी चला कर सही रिपोर्ट तीमारदारों को दे सकते है लेकिन ऐसा नही है कस्बे में आधा दर्जन से ज्यादा चल रही पैथोलॉजी में डॉक्टर तो छोड़ो लैब टेक्नीशियन तक नही रहते जो फर्जी तरीके से जाँच निकाल कर ग्रामीण क्षेत्रो में रह रहे असहाय गरीबो को गुमराह कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करते रहते है।हालि में एक ऐसा ही मामला अमौली कस्बे में बीते दिनों पहले सुर्खियों में आया था। जो कस्बे में एक झोलाछाप डॉक्टर के कहने पर तीन वर्ष की बेटी की जाँच दिपांजलि पैथोलॉजी में हुई थी तब एक चौकाने वाली रिपोर्ट आने के बाद कस्बे के सभी डॉक्टरों ने कानपुर के लिए रिफर कर दिया था लेकिन कानपुर हुई जाँच से मिलान करने के बाद यहाँ हो रही जाँच के खेल का खुलासा हुआ था। जिस पर तीमारदारों ने नजदीकी स्वास्थ्य प्रभारी से लिखित शिकायत भी की थी।स्वास्थ्य प्रभारी ने शिकायती पत्र मिलने के बाद चल रही लैब को नोटिस भी भेजवाया था। इसके बावजूद आज पांच दिन बीत चुके है कार्यवाही शून्य पड़ी है पैथोलॉजी संचालक की जाँच निरंतर चालू है। गलत रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही न होने से स्थानीय लोगो का भरोसा विभागीय जिम्मेदारो के प्रति टूटता जा रहा है तीमारदारों ने आरोप लगाते हुए बताया है की ऐसी ही फर्जी तरीके से गलत रिपोर्ट दे कर मरीज ईलाज कराते रहे गे तो उनके स्वास्थ्य से होने वाली होनी अनहोनी का जिम्मेदार कौन होगा यह एक अहम सवाल है।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रभारी पुष्कर कटियार ने बताया था कि चल रही दिपांजलि पैथोलॉजी लैब में नोटिस दी गयी है जाँच कर विभागीय कार्यवाही कि जायेगी।अब सवाल यह उठता है कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी विभागीय कार्यवाही में अधिकारी असमंजस में क्यों पड़े हुए है।