डा0 गरिमा गुप्ता को फॉग्सी मोविकॉल अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया

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हरी शंकर शर्मा
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर से सम्बंद्ध अस्पताल जच्चा बच्चा विभाग की स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभाग की यह आचार्य डा0 गरिमा गुप्ता को उच्चतम शोध कार्य के लिए प्रतिष्ठित फेडरेशन ऑफ ऑबस एण्ड गायनी समिति फॉग्सी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार फॉग्सी मोविकॉल अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया। इसमें देश के विभिन्न प्रदेशों के शोध कार्य भेजे गए थे, जिसमें मेडिकल कॉलेज कानपुर की सह आचार्य डा0 गरिमा गुप्ता के शोध कार्य के लिए सबसे अच्छा घोषित किया गया। डा0 गरिमा गुप्ता ने जिपमेर पांडिचेरी को हराकर यह पुरस्कार जीता है। डा0 गरिमा गुप्ता ने शोध में बताया कि मातृगर्भावस्था में पेस्टिसाइड्स के प्रभाव पर विस्तार से अध्ययन किया गया है और इसमें महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की गई है। यह शोध उन गर्भवती महिलाओं पर ध्यान देने का प्रयास करता है जिन्हें किसी उत्पादो से संपर्क हो सकता है और इसके परिणाम स्वरुप उनके स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव पड़ सकता है। मुख्य शोधकर्ता डॉ गर्म गुप्ता ने शोध में पाया कि रक्त में कीटनाशक का स्तर अधिक होने से गर्भवती महिलाओं में प्रीकलैंपशिया और इक्लैंपशिया (गर्भवती में बीपी का बहुत अधिक बढ़ाने) की समस्या अधिक रूप से देखी गई है। शोध में यह भी पाया गया है की कीटनाशक का अनुवांशिक स्तर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इस शोध के अन्य शोधकर्ता आचार्य डा0 रेनू गुप्ता एवं सह अचार डॉक्टर पालिका लाल एंड जूनियर रेजीडंेट डॉक्टर आनंद भी रहे हैं डॉक्टर आलोक यादव ने शोध के लिए टेक्निकल सपोर्ट दिया। वहीं स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर नीना गुप्ता भी शोध कार्यों के हमेशा से उन्होंने अपने कुलिको को प्रोत्साहित करने का काम किया है। डा0 गरिमा गुप्ता ने कहा कि ऐसे महत्वूपर्ण्ज्ञ शोध द्वारा हमे यह प्रेरणा मिलती है कि हम और ऐसे शोध परियोजनाओं का सम्मान किया जाए जो मानवता के लिए उपयोगी जानकारी और समाधान प्रदान करते हैं।डा0 गरिमा गुप्ता को फॉग्सी मोविकॉल अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर से सम्बंद्ध अस्पताल जच्चा बच्चा विभाग की स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभाग की यह आचार्य डा0 गरिमा गुप्ता को उच्चतम शोध कार्य के लिए प्रतिष्ठित फेडरेशन ऑफ ऑबस एण्ड गायनी समिति फॉग्सी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार फॉग्सी मोविकॉल अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया। इसमें देश के विभिन्न प्रदेशों के शोध कार्य भेजे गए थे, जिसमें मेडिकल कॉलेज कानपुर की सह आचार्य डा0 गरिमा गुप्ता के शोध कार्य के लिए सबसे अच्छा घोषित किया गया। डा0 गरिमा गुप्ता ने जिपमेर पांडिचेरी को हराकर यह पुरस्कार जीता है। डा0 गरिमा गुप्ता ने शोध में बताया कि मातृगर्भावस्था में पेस्टिसाइड्स के प्रभाव पर विस्तार से अध्ययन किया गया है और इसमें महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की गई है। यह शोध उन गर्भवती महिलाओं पर ध्यान देने का प्रयास करता है जिन्हें किसी उत्पादो से संपर्क हो सकता है और इसके परिणाम स्वरुप उनके स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव पड़ सकता है। मुख्य शोधकर्ता डॉ गर्म गुप्ता ने शोध में पाया कि रक्त में कीटनाशक का स्तर अधिक होने से गर्भवती महिलाओं में प्रीकलैंपशिया और इक्लैंपशिया (गर्भवती में बीपी का बहुत अधिक बढ़ाने) की समस्या अधिक रूप से देखी गई है। शोध में यह भी पाया गया है की कीटनाशक का अनुवांशिक स्तर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इस शोध के अन्य शोधकर्ता आचार्य डा0 रेनू गुप्ता एवं सह अचार डॉक्टर पालिका लाल एंड जूनियर रेजीडंेट डॉक्टर आनंद भी रहे हैं डॉक्टर आलोक यादव ने शोध के लिए टेक्निकल सपोर्ट दिया। वहीं स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर नीना गुप्ता भी शोध कार्यों के हमेशा से उन्होंने अपने कुलिको को प्रोत्साहित करने का काम किया है। डा0 गरिमा गुप्ता ने कहा कि ऐसे महत्वूपर्ण्ज्ञ शोध द्वारा हमे यह प्रेरणा मिलती है कि हम और ऐसे शोध परियोजनाओं का सम्मान किया जाए जो मानवता के लिए उपयोगी जानकारी और समाधान प्रदान करते हैं।


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