हरी शंकर शर्मा
कानपुर। विश्व रैबीज सप्ताह दिवस के अर्न्तगत रैबीज को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जीएसवीएम मेडिकल कालेज से सम्ंबद्ध आईडीएच अस्पताल में आयोजित किया जा रहा है। यह जागरूकता कार्यक्रम 25 सितम्बर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा। जागरूकता कार्यक्रम के अर्न्तगत रैबीज बीमारी को लेकर लोगो को जागरूक करते हुए बचाव और उसके प्रभाव के बारे में चिकित्सको द्वारा जानकारी दी गई।
विश्व रैबीज सप्ताह दिवस के अवसर पर प्रमुख अधीक्षक (एसआईसी) डा0 आर.के.सिंह ने बताया कि जागरूकता कार्यक्रम में कई सहयोगी समाजसेवी संस्थाएं, निजी अस्पताल , सीएचसी व पीएचसी द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। रैबीज जागरूकता कार्यक्रम को लेकर शासन द्वारा दिशा निर्देश निर्गित किए गए है जिसके तहत जीएसवीएम मेडिकल कालेज से सम्बंद्ध आईडीएच यानी संक्रामण रोग विभाग में विश्व रैबीज सप्ताह का आयोजन किया गया जिसकी थीम “ऑल फॉर वन , वन हेल्थ फॉर ऑन” रखा गया है। उन्होंने बताया कि रैबीज के इंजेक्शन हैलट में लगते थे, लेकिन जिला अस्पताल द्वारा इंजेक्शन मुहैया न होने के कारण हैलट अस्पताल में रैबीज का कोई भी इंजेक्शन नही लग पा रहा है। यदि जिला अस्पताल द्वारा रैबीज का इंजेक्शन हैलट अस्पताल को उपलब्ध करा दिए जाये तो यहां पर मरीजो को लग सकता है। एसआईसी डा0 आर.के.सिंह ने बताया कि रैबीज मुख्यतः बिल्ली, कुत्ते और बंदर के काटने से होता है। इन तीन जानवरो में से किसी ने भी इंसान के मष्तिस्क के करीब काटा हो तो उसका असर जल्दी होता है और यह संक्रामण खून के जरिये नही बल्कि नर्व यानी की नसो के द्वारा फैलता है। ऐसे जानवरो के काटने पर तुंरत ही घाव को साफ पानी में डिटॉल या फिर कोई भी एंटीबायोटिक सल्युशन डाल कर अच्छी तरह साफ करे और उसे पास के चिकित्सक के पास ले जाए। घाव पर लाल मिर्च या फिर पट्टी नही बांधनी चाहिए क्यो कि इससे फर्क को कुछ नही पडता,लेकिन मरीज में इंफेक्शन ज्यादा पैदा कर सकता है।
जिला अस्पताल नही देता है हैलट को रैबीज इंजेक्शन
जिला अस्पताल उर्सला और कांशी राम के अलावा सीएचसी में रैबीज के इंजेक्शन लगाए जाते है ,लेकिन हैलट अस्पताल को रैबीज के इंजेक्शन नही मिलते है। वहीं सीएमओ डा0 अलोक रंजन का कहना है कि रैबीज इंजेक्शन हमारे विभाग द्वारा खरीदा जाता है जिसे हैलट अस्पताल भी खरीद सकता है। इंजेक्शन देने की बात है तो हैलट प्रशासन अगर पत्राचार के माध्यम से मांग करता तो विभाग द्वारा उन्हें रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाता,लेकिन ऐसा कोई भी पत्रचार हैलट प्रशासन द्वारा नही किया गया।