हरिशंकर शर्मा
कानपुर। बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ) ने मजदूर ,महंगाई, बेरोजगारी और सरकारी उपेक्षाओं के कारण परेशान और शोषित लोगो की आजाव का बुलंद करने के लिए तथा उनके हितो के देखते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपा।
बीएमएस के जिलाध्यक्ष दिवाकर मिश्रा ने बताया कि आंगनबाड़ी बहनों के लिए सरकार के द्वारा तय किए गए मानदेय को भी नहीं लागू किया जा रहा है। आशा संगिनी बहन के साथ भी पूर्ण रूप से अन्याय हो रहा है। संविदा कर्मियों को आउटसोर्सिग के नाम पर न तो उनको समय पर वेतन दिया जाता है तथा नौकरी से निकाले जाने का भय सदैव रहता है। उनके लिए कोई भी नहीं बनाई गई है। सफाई कर्मचारी को बिना सुरक्षा उपकरण के ही कार्य कराया जाता है और उचित वेतन भी नहीं दिया जाता है। एनएचएम में कार्य कर रहे संविदाकर्मियों का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार से बजट मिला, लेकिन उसे भी अभी तक लागू नहीं कराया गया। स्थातरण का भय दिखाकर उनका शोषण किया जाता है। 108.102 एम्बुलेंस के बर्खास्त कर्मियों को वार्ता के बाद भी अभी तक वापस नहीं लिया गया। इन सभी के पविार भुखमरी में जी रहे हैं। पटरी दुकानदारों को प्रतिदिन उत्पीडन और जमात झेलनी पड़ती है। असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे दिल्ली मजदूर ग्रामीण मजदूर नाई पांच दी अन्य सभी को कोई सामाजिक सुरक्षा व प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था भी नहीं है। सरकारी कर्मचारियों की बहुत समय से चली आ रही पुरानी पेंशन की माग को सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है। ऐसी तमाम विसंगतियों को लेकर भारतीय मजदूर संघ उत्तर प्रदेश ने 27 सितंबर 2023 को एक विशाल रैली का आवाहन किया है। उसी के क्रम में मंगलवार को जिलाधिकारी के माध्यम से 17 सूत्रीय जापन सौंपा।
इस आपेक्षा के साथ प्रेषित है कि इन समस्याओं पर विचार कर समाधान करने का करे। इस दौरान प्रमुख रूप से उ0प्र0 संयुक्त वाहन चालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं बीएमएस के विभाग प्रमुख विनोद कुमार, कोषाध्यक्ष माधवराज, महामंत्री अखिलेश सिंह, केस्को संविदा कर्मचारी संघ से विजय त्रिपाठी, शम्भू सिंह , अनिल उपाध्याय समेत तमाम बीएमएस संघ के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।