संदीप प्रजापति अमौली/फतेहपुर
गांवो को डिजिटल बनाने के लिए अधिकत्तर ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया था।जिनमें खुली बैठकों का आयोजन किया जाता है।साथ ही सभी प्रकार के ग्राम निधि के दस्तावेजों और कंप्यूटर को सुरक्षित रखा जा सका।पंचायत भवन के तहत कार्यो के रख रखाव की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान व पंचायत सिकेट्री को दी गयी थी।लेकिन जिम्मेदारो की मनमानी रवैया से ग्राम पंचायत में पंचायत भवन न होने से ग्रामीण प्रमाण पत्र आदि के लिए ब्लॉक व तहसील के चक्कर काटने को मजबूर है।
-पेश है एक रिपोर्ट
अमौली ब्लॉक मुख्यालय ग्राम सभा में पंचायत भवन न होने से ग्रामीणो को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार बताया गया की पंचायत भवन प्रधान के घर में एक कमरे में संचालित कराया गया है।जिस कारण किसी तरह से सुविधा मिलने से सभी ने इंकार किया है।प्रधान के घर में कार्यालय बना मनमाने ढंग से काम करने के आरोप भी लग रहे है।वहीँ पंचायत भवन के कार्य कहा से हो रहे है ये खण्ड विकास अधिकारी को नही पता तो ग्रामीणो को कैसे हो पता।
-लाखों खर्च के बाद,सामान फांक रहे धूल
सरकार की योजनाओं के तहत गांवो की विकास की डोर से बांधने के लिए पुरजोर प्रयास किये जा रहे है।लेकिन उनकी योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक नहीं पहुँच पा रहा है।ग्रामीणों का कहना है की सरकारी धन से लाखों के उपकरण खरीद लिए जाते है।लेकिन उनके रख रखाव और संचालन की जिम्मेदारी किसी को नही दी जाती।तो हालत यह होती है की उपकरण भवन में धूल फांकते रह जाते है।
इस बावत जब खण्ड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह से बात की गयी तो उन्होंने बताया की पुरानी जर्जर बिल्डिंग के कारण मिनी सचिवालय का कार्य वहाँ से हटाया गया था। इस समय मिनी सचिवालय से सम्बंधित कार्य कहा हो रहे है ये प्रधान जी से पूँछिये।