हरिशंकर शर्मा
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य काार्यलय में एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई जिसमें वर्ष 2022 में मेडिकल स्टूडेंटस की रैगिंग को लेकर एक वीडियो उर्सला के ही एक डाक्टर ने गु्रप में पोस्ट कर दिया था जिसको लेकर प्राचार्य डा संजय काला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करवा दिया था। ,लेकिन जब मामला तूल पडका तो डा0 के एन कटियार मीडिया के सामने आए और रैगिंग होने की बात को नकाराते हुए कहा कि वह अपने पुराने दिनो को याद कर छात्रो का वीडियो बनाया था जिसे मैने अपने यादो को ताजा करने के लिए वीडियो को पोस्ट किया था, रैगिंग जैसा कोई मामला नही था।
कालेज प्राचार्य प्रो0 डा0 संजय काला ने बताया कि अक्टूबर वर्ष 2022 में उर्सला में नेत्र सर्जन डा0 के.एन.कटियार कालेज आए थे । जिस समय वह कालेज में आए उस समय छात्र अपने अध्यन कक्ष की ओर लाइन में जा रहे थे तो उनको अपने पुराने दिनो की याद आ गई और इसी पल को संजाने के लिए उन्होंने छात्रो का वीडियो बना लिया और सिर झुका कर चल रहे छात्रो को सिर उठा कर चलने को कहा। वीडियो बना कर जब डा0 के.एन. कटियार ने पोस्ट किया तो कुछ लोग इसे रैगिंग समझ बैठे और ट्वीट कर मामाला शासन तक पहुंचा दिया। शासन ने इस प्रकरण पर जवाब तलब कर लिया जिस पर प्राचार्य ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया कि कोई कालजे की छवि को खराब करने के उद्देश्य से यह कार्य किया है। वहीं वीडियो पोस्ट करने के बाद डा0 के.एन. कटियार छृट्टी पर चले गए और जब उनको जानकारी हुई तो उन्होंने कालेज प्राचार्य से लिखित रूप से माफी मांगी और मीडिया के समक्ष आकर अपना बयान देकर रैगिंग होने की बात को नकारा। आपको बता दे कि डा. के.एन.कटियार वर्ष 2002 से मेडिकल कोलज से ही पासआउट है। प्राचार्य ने उन्हें द्वारा अंजाने में किए गए कार्यो को लेकर उनका माफीनामा स्वीकार कर लिया और कहा कि कालेज की छवि को खराब करने का किसी ने प्रयास किया था। प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया प्रभारी डा0 सीमा द्विवेदी, मानसिक रोग विभागध्यक्ष डा0 धनंजजय चौधरी, डा0 संतोश वर्मन मौजूद रहे।