दलदल सड़क से निकलने को मजबूर ग्रामीण वासी

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ब्यूरो रिपोर्ट

अमौली/फतेहपुर केंद्र व प्रदेश की सरकार भले ही स्वछता व जल संचयन श्रोत तथा जल निकासी के नाम पर करोड़ो रुपये आवंटित करती है।किन्तु स्थानीय जिम्मेदारो व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण आवंटित राशि से ग्रामीण क्षेत्रो में नाली व सड़क निर्माण का मरम्मती करण न करा कर आयी हुई राशि का बंटाधार कर दिया जाता है।और कागजों की फाइलों में आये हुए कार्य के लिए धन राशि को जिम्मेदार डकार कर आफिस में बैठे बैठे अधिकारी भी सिर्फ कागजो में कार्यो को दिखा कर सरकार की महत्व कांक्षि योजनाओं में पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ते जिसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रो में रह रहे वाशिंदों को झेलना पड़ता है।

पेश है एक रिपोर्ट—-
अमौली विकास खंड में लगभग 66 ग्राम सभा है।अगर देखा जाये तो अमौली विकास खण्ड से लेकर यमुना तटवर्ती क्षेत्र के गांव मजरे झलियन,गंगुपुर,ईटरा, दपसौरा,परसेंढा,गौरी आवाजीपुर,रिंठवा,जारा,सिकंदरपुर,औंरा, कहिंजरा, मेढ़ा पाटी,जजमुइया,भरसा,आजमपुर गढ़वा,बुढ़वा सहित कई ऐसे दर्जनों गांव में नलियां चोक और सड़क पर मरम्मती करण न होने से जगह जगह गड्डो पर पानी भरने से आवागमन में ग्रामीणों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।जब की बारिश से पहले ही गांव के मुखिया ग्राम प्रधान और ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों को समस्या के बारे में ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया था की सड़क मरम्मती करण कराकर चोक नालियों को समय से ठीक कराया जाये बारिश में स्कूल पढ़ने जाने वाले छोटे बच्चे,एम्बुलेंस और चलने वाले वाहनों को बड़ी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।कभी कभी तो बुजुर्ग और बच्चे गिर कर चुटहिल हो जाते है।इसके बावजूद जिम्मेदारो ने ग्रामीणों को आश्वासन देकर सड़क और चोक नालियों को सही कराने का वादा तो किया।लेकिन उन्हें ठीक नही कराया गया जो आज कई महीने बीत जाने के बाद भी हो रही वर्तमान बारिस से गड्डा युक्त सड़क में भरा पानी चोक नालियो के कारण दलदल में समाहित हो चुकी सड़के आवागमन के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। जिम्मेदारो ने अभी तक इस समस्या का कोई स्थाई हल निकाल कर मौजूदा हालातो को देखते हुए कोई समस्या का हल निकाला जाना मुनासिब नही समझा है।आज स्थिति ऐसी हो चुकी है की गांव की गलियों में पैदल चलना दुश्वार हो गया है।


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