
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग एवं आईएपी कानपुर द्वारा संयुक्त रूप से नवजात शिशु पुनर्जीवनीकरण विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानाचार्य डॉ संजय काला ने किया। कार्यक्रम में लगभग 40 इंटर्न छात्रों को नवजात शिशु के पुनर्जीवनीकरण विषय में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान आईएपी कानपुर के सचिव एवं बाल रोग विभागाध्यक्ष अरुण कुमार आर्य ने बताया कि प्रदेश में जन्म लेने वाले 1000 नवजात शिशुओं में से 32 की मौत हो जाती है। वर्ष 2030 तक इस मृत्यु दर को कम करते हुए प्रति 1000 पर 10 से कम लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि 1 वर्ष से कम आयु की बच्चों की मृत्यु में से दो तिहाई बच्चों की मृत्यु जन्म के प्रथम माह में, प्रथम माह में होने वाली मृत्यु में से दो-तिहाई मृत्यु प्रथम सप्ताह में हो जाती हैं। आईएपी कानपुर के अध्यक्ष डॉ विवेक सक्सेना ने बताया कि नवजात शिशु के लिए प्रथम सप्ताह, प्रथम दिवस, पहले कुछ मिनट बहुत ही ध्यान देने योग्य हैं। इस समय ध्यान देने से ही बड़ी संख्या में नवजात शिशु को मृत्यु से बचाया जा सकता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ यशवंत राव ,डॉक्टर शैलेंद्र गौतम ,डॉ प्रतिभा सिंह ने प्रशिक्षण दिया।