यूजीसी का बड़ा फैसला: असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब नेट, सेट या स्लेट ही जरूरी होगा, पीएचडी नहीं

0
339

नई दिल्ली/पटना2 दिन पहले

कॉपी लिंकफाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो।

देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए नेट, सेट या स्लेट होना अब न्यूनतम योग्यता होगी। पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। हालांकि, शिक्षकों की कमी को देखते हुए भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने जून 2021 में दो साल के लिए अपवाद के रूप में खत्म किया था। अब उसी स्थिति को लागू रखते हुए भर्ती का नया नियम बना दिया गया है। यह व्यवस्था 1 जुलाई से लागू होगी।

यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक, अभ्यर्थी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट), स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) या स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट (स्लेट) पास कर चुके हैं तो वे यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य माने जाएंगे। हालांकि, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर या प्रमोशन के लिए पीएचडी की अनिवार्यता की शर्त पहले की तरह लागू रहेगी। यूजीसी के चेयर मैन एम जगदेश कुमार ने ट्वीट करके भी इस सूचना को साझा किया है।

विशेषज्ञों के पास बिना डिग्री गेस्ट प्रोफेसर बनने का मौका

यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को पत्र भेजकर शिक्षकों के रिक्त पद भरने काे कहा है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए आयोग ने ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ नाम का एक पोर्टल शुरू किया है। विभिन्न विषयों के अनुभवी विशेषज्ञ खुद को इस पोर्टल पर रजिस्टर करा सकते हैं। भले ही उनके पास शैक्षणिक योग्यता या पीएचडी न हो, लेकिन यदि वे क्षेत्र विशेष में लंबा अनुभव रखते हैं तो रजिस्टर्ड पेशेवरों को कॉलेजों में बतौर अतिथि प्रोफेसर पढ़ाने का मौका मिल सकता है।

खबरें और भी हैं…


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here