फेम, फॉलोअर्स और फिर फंसाव: उन्नाव के तीन युवकों की सोशल मीडिया की कहानी

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उन्नाव।तीन युवा ,राहुल, हिमांशु और श्याम – तीनों की उम्र महज 20 से 22 साल के बीच। तीनों साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति औसत है, रोज़मर्रा की ज़िंदगी संघर्षों से भरी हुई। लेकिन इन्हीं तीन लड़कों ने सोशल मीडिया की दुनिया में कुछ ही सालों में बड़ा मुकाम बना लिया। इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स और हर महीने हजारों रुपये की कमाई। यह सब एक छोटे गांव के युवाओं के लिए बहुत बड़ी बात थी।लेकिन इसी लोकप्रियता की भूख ने उन्हें एक ऐसी दिशा में मोड़ दिया जहां से रास्ता अब कानूनी कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया की ओर जा रहा है।
कैसे शुरू हुई यह डिजिटल यात्रा?
राहुल, हिमांशु और श्याम की दिलचस्पी इंटरनेट और सोशल मीडिया में तब से बनी जब उन्होंने यूट्यूब पर मशहूर क्रिएटर कैरी मिनाटी के वीडियो देखने शुरू किए। भाषा की तल्खी, गाली-गलौज और ‘रूढ़िवादी सोच को चुनौती’ देने वाले कंटेंट से ये प्रभावित हुए।
धीरे-धीरे उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाना शुरू किया, जिनमें उनकी अभिव्यक्ति की शैली भले ही कच्ची थी, लेकिन उस उम्र में वो उसे “बोल्ड” मानते थे।
सिर्फ 3-4 सालों में ही उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर 6 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हो गए थे। 30 हजार रुपये तक की मासिक कमाई होने लगी थी – वो भी सीधे विदेशी करेंसी में। गांव के युवाओं के लिए यह न केवल चौंकाने वाली बल्कि आकर्षक उपलब्धि भी थी।
क्या थी गलती?
उनकी वीडियो क्लिप्स में गाली-गलौज और अभद्र भाषा का उपयोग आम था। भले ही वे इसे मनोरंजन और “ट्रेंडिंग टोन” मानते हों, लेकिन आईटी एक्ट और बीएनएस की धाराएं इससे सहमत नहीं थीं। पुलिस के अनुसार ये वीडियो समाज में अश्लीलता और असंतुलन फैलाने का कारण बन सकते हैं।
19 जुलाई 2025 को थाना अजगैन में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई।
20 जुलाई को तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब न्यायालय की प्रक्रिया के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई जारी है।
कानून का पालन और सुधार की गुंजाइश
यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि सोशल मीडिया की ताकत को समझना और उसका सही दिशा में उपयोग करना कितना जरूरी है।
राहुल, हिमांशु और श्याम की गिरफ्तारी से यह भी साफ होता है कि कम उम्र के युवाओं को इंटरनेट पर मिलने वाली आज़ादी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

हालांकि, यह भी उतना ही सच है कि ये तीनों युवक अभी बहुत कम उम्र के हैं और समाज की मुख्यधारा से पूरी तरह कटे नहीं हैं। उन्हें संविधान और न्याय व्यवस्था के अंतर्गत सुधार और पुनर्वास का पूरा अधिकार है।
समाज और प्रशासन से उम्मीद
पुलिस ने सख्त संदेश दिया है कि सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, यह ज़रूरी है कि प्रशासन स्कूलों और कॉलेजों के स्तर पर सोशल मीडिया के सही उपयोग को लेकर अभियान चलाए।
इस मामले से ये भी समझ आता है कि टैलेंट की कोई कमी नहीं है, लेकिन रचनात्मकता को दिशा देने वाली व्यवस्था की आज सख्त जरूरत है।

देखे फोटो।


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