चूहा नियंत्रण हेतु रसायनों का प्रयोग करते समय दस्ताने एवं मास्क का प्रयोग करें

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उन्नाव।जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया है जनपद में वर्तमान समय में संचारी रोग नियंत्रण जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है इसके अन्तर्गत जनसहयोग के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वेक्टर जनित तथा संक्रामक रोगों के संचार हेतु अन्य कारकों के साथ-साथ चूहा एवं छछंूदर भी उत्तरदायी है। चूहा, छछंूदर से मनुष्यों में होने वाले रोगों एवं मानवीय जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से बचाव/रोकथाम करना अति आवश्यक है। इससे लेप्टोस्पाइरोसिस नामक बीमारी इसे रैट फीवर भी कहा जाता है, यह बीमारी चूहा एवं छछूंदर के मूत्र में पाये जाने वाले लेप्टोइसपाइरा नामक प्रजाति के वैक्टीरिया से सम्पर्क जैसे दूषित पानी, मिट्टी या दूषित भोजन के प्रयोग करने तथा त्वचा पर कोई घाव या खरोंच होने के कारण यह वैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाता है इससे तेज बुखार सिर दर्द मांसपेशियों में दर्द तथा त्वचा व आखें पीली पड़ जाती है, बीमारी की गम्भीर स्थिति में गुर्दे की विफलता तथा फेफड़ों से रक्तस्त्राव भी होता है स्क्रब टाइफस बीमारी ओरोटियात्सु सुगामी नामक जीवाणु के कारण होता है। इसमें चूहे एवं छछंूदर के बालों में मौजूद पिस्सू (माइटस) के काटने से स्क्रब टाइफस वैक्टीरिया मनुष्य के शरीर में पहुंच जाता है। इससे तेज बुखार, सिर दर्द, ठण्ड लगना, आखों में संक्रमण, त्वचा पर चकत्ते पडना। जब ये माइट काटती है तो वहां की त्वचा की पपड़ी काले रंग की होने बाद उतरने लगती है। इन लक्षणों के दृष्टिगोचर होने पर तुरन्त चिकित्सक से सलाह लें। चूहो की संख्या को नियंत्रित करने के लिए अन्न भण्डारण पक्का कंकरीट तथा धातु से बने पात्रों में करना चाहिए चूहे अपना बिल, झाड़ियों कूड़ों आदि में स्थायी रूप से बनाते है खेतों का समय समय पर निरीक्षण एवं सफाई करके इनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। चूहेदानी का प्रयोग करके उसमें आकर्षण चारा जैसे- रोटी, डबल रोटी, बिस्किट आदि रखकर चूहों को फसाकर मार देने से इनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। घरों मे ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत रसायन के बने चारे की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने से चूहे उसको खाकर मर जाते है। एल्यूमिनियम फास्फाइड दवा की 3-4 ग्राम मात्रा प्रति जिन्दा बिल में डालकर बन्द कर देने से उससे निकलने वाली फास्फीन गैस से चूहे मर जाते है। रसायनों का बच्चों एवं जानवरों की पहुंच से दूर रखें। रसायन के प्रयोग के दौरान घर में रखी खाद्य सामग्री इत्यादि को ढक कर रखें। चूहा नियंत्रण हेतु रसायनों का प्रयोग करते समय दस्ताने एवं मास्क का प्रयोग करें।


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