असोहा।उत्तर-प्रदेश भाषा संस्थान,लखनऊ एवं पी०एल०के०पी० इंटर कॉलेज, कालूखेड़ा, के संयुक्त तत्वावधान में ‘भाषायी संवर्धन में राष्ट्रवाद की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन आज कालूखेड़ा स्थित पी एल के पी इंटर कॉलेज सभागार में आयोजित किया गया।
संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला आबकारी अधिकारी अनुराग मिश्र ‘गैर’ द्वारा मा शारदा के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिला आबकारी अधिकारी डॉ० अनुराग मिश्र ‘ग़ैर’ ने कहा कि भाषा के संवर्धन में राष्ट्रवाद की महती भूमिका है। स्वतंत्रता संग्राम में हुए अनेकशः राष्ट्रीय आंदोलनो में भाषाई एकता ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इसके अतिरिक्त भाषा के विकास एवं संवर्धन में राष्ट्रवाद ने अनेक क्षेत्रों में अपना कार्य किया है।भाषा, राष्ट्रवाद के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है, क्योंकि यह एक साझा पहचान और सांस्कृतिक विरासत की भावना को बढ़ावा देती है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रेमशंकर दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रवाद भाषा को मानकीकृत करने और एक आधिकारिक रूप में स्थापित करने में मदद करता है , जिससे संचार और पहचान में आसानी होती है। कॉलेज के प्रधानाचार्य त्रिभुवन जी ने संगोष्ठी में अपने भाव रखते हुए कहा कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की रही है। जिसमें भाषा ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई है । डॉ० ज्योति (प्रवक्ता) ,विनय कुमार पाण्डेय (प्रवक्ता) श्यामू प्रसाद नामदेव ,विनोद कुमार त्रिपाठी आदि ने भीअपने विचार रखे ।
संगोष्ठी का संचालन एवं संयोजन डॉ० अतुल बाजपेयी द्वारा किया गया। संगोष्ठी में अनिरुद्ध शुक्ला , बीनू बाजपेई , राजकुमार मिश्र, अनुराग मिश्र, सुनील गुप्ता, संजू मिश्रा, राजबहादुर सिंह सहित अनेक क्षेत्रीय शिक्षक – शिक्षिकायें व लोग उपस्थित रहे ।