असोहा,उन्नाव।अपने दो नौनिहालों की जिंदगी लेने वाले क्रूर पिता को अब कोई फूटी आंख पसंद नहीं करता।कल तक जो अपनी पत्नी को गुनहगार ठहरा रहा था आज वही पुलिस के आगे मिमिया रहा है जुर्म – ए – इकबाल बाद पुलिस उसे जेल भेज देगी।इस संदर्भ में प्रभारी निरीक्षक अमरनाथ यादव का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि हुई है।
सनद रहे कि सोमवार की सुबह आठ बजे पुरवा थाना क्षेत्र के रम्मा खेड़ा में गांव के बाहर ढाई वर्ष की सोनाक्षी व छह माह के ऋतिक के शव मिले।मृतकों के पिता रोहित गौतम ने बच्चों को जहर देने का इल्ज़ाम अपनी पत्नी नेहा,साली निकिता पर यह कहते हुए लगाया कि गए पखवारे पत्नी विवाद कर मायके कस्बे के मोहल्ला पश्चिम टोला चली गई थी। आज ही उसने फोन कर बुलाया था वह साली के साथ आई बात चीत हो पाती की भैंस खेत में घुस गई उसे भगाने के लिए वह गया कि पत्नी ने बच्चों को जहर पिला दिया।रोहित ने पत्नी व साली को नामित करते हुए एफ आई आर भी दर्ज करवा दी मगर जैसे ही पुलिस नेहा के घर पहुंची वह घर पर थी। पूंछताछ में यह साफ हो गया कि रोहित ने ही कहानी रची है।पुलिस ने उसके मोबाइल की लोकेशन भी चेक की जिसमें उसके खेत जाने व रोहित से बात की पुष्टि नहीं हुई।पुलिस ने आक्रामक रुख अपनाया तो वह टूट गया उसने जुर्म ए इकबाल कर लिया और बताया पत्नी और साली को फसाने के लिए ही उसने बच्चों को कोल्ड ड्रिंक में जहर मिला दिया।
दृश्य कितना भयावह है भला कोई अपने नौनिहालों को कैसे जहर दे सकता है।कल तक जिस रोहित को परिजन व पड़ोसी अच्छा समझते थे आज सबकी आंखों में उसके प्रति आक्रोश है। हर कोई उसकी करनी पर थूक रहा है। ग्रामीणों की जुबान पर एक बात है कि हर कोई अपने बच्चों के लिए जीता है न जाने क्या क्या सपने बुनता है पर एक ऐसा पिता जिसने अपने ही नौनिहालों को मार डाला घटना की हर तरफ निंदा हो रही है।
उल्लेखनीय है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर देने की पुष्टि हुई है बिसरा रिजर्व है कोतवाल अमरनाथ की मानें तो आरोपी को जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है।
जेब में मिले सुसाइट नोट ने खोल दी पोल।
आरोपी रोहित के पास उसके हाथ का लिखा एक सुसाइट नोट मिला है जिसमें उसने ससुराल में पीटे जाने का उल्लेख किया है।उसमें लिखा है श्रीमान थानाधिकारी आपसे निवेदन है कि मेरे पापा से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है।मेरी पत्नी व साली से मेरी लड़ाई है दोनों ने मुझे चप्पलों से पीटा है।ससुराल गए तो जान से मार देंगे।12 जून को लिखे गए पत्र से प्रतीत होता है कि रोहित बदले की भावना में जी रहा था और वह बच्चों के साथ खुद भी जान देना चाहता था पर हो नहीं पाया सूत्र बताते हैं कि खुद भी जहर पीने की बात वह पुलिस को बताता रहा मगर कुछ न होने पर पुलिस ने कड़ाई से पूंछताछ करना शुरू किया तो घटना बेनकाब हो गई।