उन्नाव।उपभोक्ताओं को बिजली मिले या न मिले, उपभोक्ता भाड़ में जाएं ! विद्युत ट्रांसफार्मर और केबिल सुरक्षित रहें। भीषण गर्मी में विद्युत विभाग द्वारा जब से यह नीति अपनाई गई है तब से विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तो चैन की नींद सो रहे हैं। लेकिन उपभोक्ता बेचैन है। शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी के मद्देनजर उपभोक्ताओं ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से निर्वाध विद्युतापूर्ति की मांग उठाई है।
गौरतलब है कि माह अप्रैल के आखिरी सप्ताह से भीषण गर्मी पड रही है। प्रचंड गर्मी शुरू होते ही बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है। लेकिन महंगे दामों में बिजली बेचने वाले विद्युत विभाग ने इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की। परिणाम स्वरुप लोड की अधिकता के चलते विद्युत केबिल जलना, ट्रांसफार्मर की लीड फुकना व ट्रांसफार्मर ध्वस्त होना आम बात हो गई। बिजली आने और जाने की कोई समय सारिणी नहीं रही। गर्मी से राहत देने वाले विद्युत उपकरण शोपीस बनकर रह गए हैं। दिन भर के काम की थकान के बाद आम आदमी रातों में चैन की नींद सो नहीं पा रहा है। नींद पूरी न होने के कारण डिप्रेशन और हाइपरटेंशन के रोगी बढ़ना शुरू हो गए हैं। मिल और कारखानों की रफ्तार थम गई है। विद्युत आधारित पेय जलापूर्ति चरमरा गई है। अघोषित विद्युत कटौती से उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने के बजाय विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर और विद्युत केबल सुरक्षित रखने की कवायद तेज कर दी है। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसफार्मर के नजदीक एक फ्यूज सेट अधिष्ठापित किया है। इसी फ्यूज सेट से बिजली सप्लाई के केबलों को जोड़ा गया है। जरा से लोड बढ़ने पर फ्यूज उड़ जाते हैं और बत्ती गुल हो जाती है। फ्यूज उड़ने की यह क्रिया दिन भर में दर्जनों बार होती है। इस तकनीक से विद्युत ट्रांसफार्मर और केबिल तो सुरक्षित है ! ट्रांसफार्मर और केबिल सुरक्षित रहने से विद्युत विभाग के अधिकारी तो चैन की नींद सो रहे हैं। लेकिन नागरिकों का जीना मुहाल हो गया है। नागरिकों ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से निर्वाध विद्युत आपूर्ति की मांग उठाई है।हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सपा नेता संजीव त्रिवेदी ने कहा कि विद्युत विभाग अब कॉरपोरेट घरानो के हाथों में खेल रहा है। एक्स ई एन , एसडीओ व जेई के अलावा सभी विद्युत कर्मचारी तो डेलीवेज पर हैं। उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास ही नहीं है। उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाकर उन्हे बेवकूफ बनाया जा रहा है। जिनके घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं , अभी तक उनका बिल नहीं आया है। बिजली यूनिट स्टोर की जा रही है। जितने ज्यादा यूनिट होंगे उतने ज्यादा दर से बिजली का बिल आएगा। तब बिजली का बिल सही करने के नाम पर उपभोक्ताओं का जबरदस्त शोषण किया जाएगा। अधिवक्ता श्री त्रिवेदी ने कहा कि वह उपभोक्ताओं का शोषण हरगिज नहीं होने देंगे। चाहे उन्हें अदालत के शरण मे जाना पड़े।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमुख समाजसेवी रामपाल यादव ने कहा कि ट्रांसफार्मर और केबिल की सुरक्षा के लिए विद्युत विभाग द्वारा अपनाई जा रही तक्नीक तो काबिले तारीफ है। लेकिन हरहाल मे उपभोक्ताओं को निर्वाध बिजली देना विभाग की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मुफ्त में बिजली नहीं लेता है। देश में सबसे महंगी बिजली उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि यदि लोड बढता है तो ट्रांसफार्मर की संख्या बढाई जाए। उपभोक्ता तो बस पैसे के बदले निर्वाध विद्युत आपूर्ति चाहता है।