पंच दिवसीय संगीतमय भक्तमाल कथा का भव्य समापन हुआ

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कानपुर।कृपा धाम मंदिर प्रांगण में आयोजित होने वाली पंच दिवसीय संगीतमय भक्तमाल कथा का समापन हुआ वही आयोजक सुनील कपूर सपना कपूर,राजीव चतुर्वेदी,गुड़िया चतुर्वेदी द्वारा व्यास पीठ का पूजन किया गया। तदउपरांत आज कि भक्तमाल कथा में सुप्रसिद्ध रामकथा वाचक एवं भागवताचार्य आचार्य कृष्ण गोपाल सुवेदी ने भक्तमाल के कथा में आज के प्रसंग की कथा में बांके बिहारी जी को प्रकट करने वाले स्वामी हरिदास जी के चरित्र का दर्शन ,श्री राधा बल्लभ को प्रकट करने वाले हिटारी वंश जी का चरित्र दर्शन श्री राधारमण लाल को प्रकट करने वाले गोपाल भट्ट गोस्वामी का चरित्र का दर्शन करवाते हुए आज पंचम दिवस भक्त माल की कथा का समापन हुआ। कथा व्यास सुवेदी ने कहा कि भक्त शिरोमणि वृन्दावन में बांके बिहारी को प्रकट करने वाले स्वामी हरिदास के चरित्र पर व्याख्यान करते हुए कहा कि …..स्वामी हरिदास जी श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे और उनके प्रति उनका प्रेम असीम था। उन्होंने निधिवन में अपनी बांसुरी बजाकर और राग गाकर श्री कृष्ण को प्रकट किया था। स्वामी हरिदास जी मुख्य रूप से राग भैरव, असावरी,तोड़ी,भीमपलासी,पुरिया धनाश्री,मारवा, चंद्रकौस और मालकौंस के लिए जाने जाते रहे। और कृष्णभक्ति में सम्पूर्ण जीवन बिताया । बांसुरी बजाकर और राग गाकर कृष्ण की लीलाओं का गान करते हुए अपने शिष्यों को कृष्ण भक्ति की शिक्षा दी । जिससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि भक्त द्वारा भक्ति अगर प्रबल इच्छा के साथ की जाए तो वह भगवान को भी प्रकट कर सकता है भगवान को अपने वश में कर सकता है आज बिहारी जी के नाम से हरिदास नहीं बल्कि हरिदास के नाम से हरी पहचाने व जाने जाते हैं। इस अवसर पर कृपाधाम मंदिर प्रांगण में कथा के अंतिम दिवस श्री कृपा बिहारी जी बैकुंठ बिहारी जी को 56 भोग लगाया गया साथ ही कृपा बिहारी जी के संग फूलों की होली खेलकर धूमधाम से रंगोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से कथा संयोजक सुनील कपूर सपना कपूर,प्रमुख आचार्य प्रमोद तिवारी,प्रधान सेवक राजीव चतुर्वेदी,मीडिया प्रभारी पंडित कमल मिश्र एवं मंदिर सभी सेवक सहित कार्यकर्ता गण मौजूद रहे।


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