कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा श्रवण कराकर श्रद्धालु भक्तों को भावविभोर कर दिया

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उन्नाव।बांगरमऊ नगर के मोहल्ला न्यू कटरा स्थित मां दुर्गा देवी मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस आज रविवार को कथा व्यास गोविंदाचार्य जी महाराज ने कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की कथा श्रवण कराकर श्रद्धालु भक्तों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने उपदेश दिया कि दान सदैव सुपात्र को देना चाहिए।
मोहल्ला न्यू कटरा के सभासद हरिओम तिवारी और उसके सहयोगियों द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास गोविंदाचार्य जी महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को सुझाव दिया कि धन,गौ व वस्त्र आदि का दान सुपात्र को ही करें। जिससे वह दान का धन संत-महात्माओं की सेवा में खर्च करे। किंतु यदि कुपात्र को दान किया तो वह जुआं , मद्यपान व धूम्रपान आदि व्यसनों पर खर्च करेगा और इसका पाप दानदाता के खाते में जमा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर कन्याएं विवाह के बाद अपने पैतृक मां-बाप का तो आदर करती हैं। किंतु अपने सास-ससुर की सेवा नहीं करती। उन्होंने पांडाल में उपस्थित महिलाओं को उपदेश दिया कि पति, सास, ससुर और गुरु साक्षात् देवता के रूप हैं। इनकी सेवा से परमात्मा प्रसन्न होते हैं। कथा के मध्यांतर में भागवताचार्य ने आर्गन की सुरीली धुन और तबले की थाप पर ” मैंने मेंहदी लगाई रे, कृष्ण नाम की ” कीर्तन प्रस्तुत कर श्रद्धालु भक्तों को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया। अंत में परीक्षित की भूमिका में अनुराग गुप्ता ने भगवान कृष्ण की आरती कर प्रसाद वितरित किया।


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