उन्नाव।जिला अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के खाते से 16 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रशासन का आरोप है कि वार्ड बॉय विनय यादव यह रकम लेकर फरार हो गया। हालांकि, विनय यादव के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे को किसी साजिश के तहत फंसाया गया है, या फिर गबन में शामिल अन्य लोगों ने उसे मारकर गायब कर दिया है।
गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद हुआ खुलासा
शहर के जुराखनखेड़ा मोहल्ला निवासी विनय यादव जिला अस्पताल में वार्ड बॉय के पद पर करीब आठ सालों से कार्यरत था। 18 मार्च को वह अस्पताल ड्यूटी के लिए निकला, लेकिन वहां नहीं पहुंचा।अगले दिन उसकी मां फूलकेश ने सदर कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
इधर, वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर सीएमएस (चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट) ने अस्पताल के बैंक खाते की जांच कराई,तो पता चला कि अकाउंट में पर्याप्त पैसे ही नहीं हैं।अप्रैल 2024 के बाद से खाते में कोई पैसा जमा नहीं हुआ था, जबकि इसमें पर्चा, ईसीजी, प्लास्टर, ऑपरेशन और मेडिकल फीस की रकम जमा की जानी थी।
सीएमएस ने गठित की जांच टीम, OPD भी बाधित
गबन का मामला सामने आते ही सीएमएस डॉ. आर.ए. मिर्जा ने गुरुवार को डॉक्टरों की आपात बैठक बुलाई। करीब एक घंटे तक ओपीडी भी बाधित रही। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है, जिसमें डॉ. मनोज कुमार, डॉ. विवेक गुप्ता और डॉ. संजीव कुमार शामिल हैं।परिजनों ने जताई गहरी साजिश की आशंका
विनय यादव के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे ने गबन किया या नहीं, यह कहना मुश्किल है, लेकिन अगर 16 लाख रुपये का गबन हुआ है, तो इसमें अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।उन्होंने आशंका जताई कि हो सकता है कि विनय को गबन में शामिल अन्य लोगों ने मारकर गायब कर दिया हो, ताकि सच्चाई सामने न आ सके।
नशे और सट्टे की लत से जुड़ी नई जानकारी
अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि विनय नशे और सट्टे का लती था। उसने मोहल्ले के कई लोगों से मोटी रकम उधार भी ली थी। पर्चा काउंटर की रसीद कटने के बाद पैसा उसी के पास जमा होता था और वही बैंक में रकम जमा करने जाता था।
अब क्या होगा?
पुलिस ने विनय यादव की तलाश तेज कर दी है, जबकि अस्पताल प्रशासन जांच के नतीजों का इंतजार कर रहा है। अब देखना होगा कि यह पूरा घोटाला अकेले विनय की करतूत है या इसमें बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।