उन्नाव।हिंदू समाज के महत्वपूर्ण त्यौहार होली में होलिका दहन के समय को लेकर लोगों में भ्रांतियां बनी रहती है। इन्ही भ्रांतियों को दूर करने के लिए शास्त्रोक्त वैचारिकी के पश्चात बनी सहमति पर विद्वत जनों ने प्रकाश डालते हुए बताया कि सनातन धर्म का परम पवित्र पर्व होलिका दहन का शुभ मुहूर्त दिनांक 13 मार्च 2025 दिन गुरुवार को सुबह 10 बजे से रात्रि 22 बजकर 34 मिनट तक भद्राकाल रहेगा। काशी विश्व पंचांग शास्त्रीय मान्यता के अनुसार रात्रि 10/34 बजे के बाद होलिका दहन किया जायेगा। आज ही व्रत पूर्णिमा का मान रहेगा। तथा स्नान दान जप श्राद्ध कर्म की पूर्णिमा 14 मार्च शुक्रवार को दिन में 11 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। इसके उपरांत काशी क्षेत्र में रंगोंत्सव पर्व मनाया जाएगा तथा होलिका विभूति धारण कर काशी की अपनी परम्परा अनुसार सर्वत्र होलिका दहन के बाद से ही रंग अबीर गुलाल खेला जाता रहा है । आज भी यही परम्परा अनुसार शास्त्रीय मान्यता से विधिवत सम्पन्न हो रहा है । इस होलिका पर्व पर आपसी भाईचारा और विश्वास एक दूसरे से गले मिल कर रंगोत्सव पर्व मनायें।
शास्त्र सम्मत नियम के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा सूर्योदय औदयिक तिथि में ही होली धुरडडी का पर्व मनाया जाता है। अतः काशी क्षेत्र से अन्यत्र सर्वत्र 15 मार्च शनिवार को मनाना चाहिए।
उक्त जानकारी आचार्य ऋषि कान्त मिश्र शास्त्री ऊगू निवासी आदि विद्वत जनों ने पत्रकार वार्ता में शास्त्र सम्मत विचार व्यक्त किए।