उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर। शहर नगरपालिका को स्वच्छ भारत अभियान में कागज़ी तौर पर भले ही स्थान मिल गया हो पर शहर की सफाई पर वास्तविकता बिल्कुल भिन्न है नगर पालिका फ़तेहपुर की सफाई व्यवस्था के दावों की परख करनी हो तो शहर के किसी भी गली कूचे में पैर रख लीजिए चारो तरह गंदगी का साम्राज्य मिल जाएगा भिनभिनाती मक्खियां कूड़े के ढेर पर खाना ढूंढते आवारा गौवंश, कुत्ते, बिल्ली नगरपालिका की पोल खोलते नज़र आते हैं। अगर शहरवासियों से सफाई की बात रख दो तो जिम्मेदारों पर आरोपों की झड़ी लगा देते हैं। जमीनी हकीकत में शहर में गंदगी का अंबार है पर शहर को साफ सुथरा रखने का दावा करने से नगर पालिका पीछे नहीं हट रही है फ़तेहपुर नगर पालिका क्षेत्र में 30 वार्ड हैं इनके 150 मुहल्लों में लगभग चार लाख की आबादी रह रही है। नगर पालिका फ़तेहपुर जो गृहकर/जलकर वसूल कर बदले में शहर को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने का काम करती है पर यही नगरपालिका फतेहपुर घर घर कूड़ा उठाने के लिए नगर वासियों से साठ रुपये प्रतिमाह वसूलती है। लेकिन इस वसूली के बाद भी शहर में गंदगी का अंबार लगा रहता है और इसी गंदगी की वजह से बारिश के समय शहर के दर्जनों मुहल्ले जल भराव की समस्या से जूझते हैं। शहर भर की सभी नालियां पॉलिथीन और कूड़े से पटी पड़ी हैं नगर पालिका सिर्फ कागज़ों में कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा लेती है इस लिए आम जनता को सफाई के लिए खुद ही हाथों में झाड़ू और पंजा उठाना पड़ रहा है। फावड़ा उठाकर आए दिन लोग जूझते नजर आते हैं शहर के रानी कालोनी आदर्श नगर शकुन नगर चलचित्र नगर खेलदार सैय्यदवाड़ालाला बाजार राधानगर, नई बस्ती अशोक नगर पक्का तालाब, शीतला मंदिर मसवानी रेल बाजार, आनंद पुरम जैसे तमाम मुहल्ले गंदगी की समस्या से जूझ रहे हैं। गलियों की बुरी दशा है। लोगों में पालिका प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। लोगों का आरोप है कि गंदगी के चलते कहीं संक्रामक बीमारी न फैल जाए इसके बाद भी प्रशासन संजीदा नहीं है। आज शहर के खेलदार, इमिलिहाबाद में नाली के चोक होने से बारिश और नाले का गंदा पानी में घंटों तक सड़क में भरा रहा है। शहरवासियों की मानें तो लंबे समय से सफाई कर्मियों के दर्शन नहीं हो रहे हैं।

सब जानते हैं कि नगर पालिका के क्षेत्र में आने वाले तालाबों में अतिक्रमण हो चुका है और नगरपालिका किसके द्वारा चलाई जा रही है। कुछ एक सभासद अपने वार्डों में सफाई व्यवस्था को लेकर सजग भी रहते हैं तो वहाँ के एक दो निवासी गंदगी फैलाने से बाज़ नही आते हैं। संवाददाता को सैय्यादबाड़ा निवासियों ने बताया कि एक महिला शिक्षिका गंदगी फैलाने में सबसे आगे है जब इस क्षेत्र के सफाई कर्मचारी कूड़ा उठाकर चले जाते हैं तब यह शिक्षिका फिर से ढेर सारा कूड़ा सड़क पर फैला देती है मना करने पर लड़ने और मारपीट पर आमादा हो जाती है कूड़े के ढेर से आने जाने वालों को गंदगी का सामना करना पड़ता है।
क्षेत्रीय सभासद का कहना है कि सुबह सफाई कर्मचारी के जाने के बाद कूड़ा फेका जाता है इस लिए उसको अगले दिन ही उठाया जा सकता है बहरहाल सफाई की जितनी ज़िम्मेदारी नगर पालिका की है उतनी ही शहरवासियों की। अगर नगरपालिका सफाई के नाम पर सिर्फ कागजों में शहर को साफ दिखा देगी तो असली सफाई के लिए शहरवासियों को बीड़ा उठाना पड़ेगा तभी स्वच्छ फ़तेहपुर स्वस्थ फतेहपुर की परिकल्पना साकार होगी