सप्तम इंटरनेशनल कांफ्रेंस 2024 का किया गया आयोजन

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कानपुर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट साकेत नगर कानपुर के स्थानीय लक्ष्मीदेवी सभागार में “LEVERAGING IT FOR SUSTAINABLE BUSINESS TRANSFORMATION ENTREPRENEURIAL GROWTH” विषय पर सप्तम इंटरनेशनल कांफ्रेंस 2024 का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ स्व.पूर्णचन्द्र गुप्त एवं स्व.योगेंद्र मोहन गुप्त के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.) आर.के.खंडाल पूर्व कुलपति, यू.पी.टी.यू.(ए.के.टी.यू.), लखनऊ एवं निदेशक, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार प्रीमियर ग्रीन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, महेंद्र मोहन गुप्त चेयरमैन, जागरण एजुकेशन फाउंडेशन, डॉ.जे.एन.गुप्ता सी.ई.ओ. जागरण एजुकेशन फाउंडेशन एवं संस्थान की निदेशक डॉ. दिव्या चौधरी व देश- विदेश से पधारे सभी अतिथियों ने “जर्नल स्मारिका”का विमोचन गणमान्य सदस्यों द्वारा किया गया। जिसमें 31 से ज्यादा शोध प्रपत्र भी प्रकाशित किये गए।
इस अवसर पर जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेट एंड मास कम्युनिकेशन के निदेशक डॉ.उपेंद्र पाण्डेय एवं संस्थान के समस्त शिक्षकगणों सहित सभी छात्र व छात्राएं भी उपस्थित हुए।
स्वागत भाषण में महेंद्र मोहन गुप्त चेयरमैन,जागरण एजुकेशन फाउंडेशन ने सभी देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित व्यावसायिक उद्यमियों एवं छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज आई.टी.सेक्टर सतत विकास हेतु नवीनतम तकनीकों की सहायता से आर्धिक रूप से रोजगारपरक अवसरों को उपलब्ध करा रहा है। जबकि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में किसी कार्य में सफल होने के लिए प्रतिबद्धता, स्थिरता एवं निरंतरता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए बताया गया।
मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.) आर.के. खंडाल पूर्व कुलपति,यू.पी.टी.यू.(ए.के.टी.यू.), लखनऊ ने
अपने प्रेरणाश्रोत देते हुए सभी छात्रों से कहा कि उन्हें बेहतर कैरियर में आगे बढ़ने के लिए छोटी छोटी वस्तुओं पर ध्यान देने एवं अपने शिक्षा के साथ साथ संस्कृति एवं संस्कार पर भी ध्यान केंद्रित देना आवश्यक है।
अपने प्रथम सत्र पर विचार प्रस्तुत करते हुए डॉ.जस्टिन पॉल जो कि वर्तमान समय में पुएर्टो यूनिवर्सिटी ,रियो यू.एस.ए.में मार्केटिंग प्रोफेसर एवं निम्स यूनिवर्सिटी में डीन के पद पर हैं उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के आधुनिक दौर में तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल अत्यधिक रूप से होने लगा है।
पैनल परिचर्चा में अपनी राय देते हुए प्रो. नरेंद्र मोहन अग्रवाल पूर्व निदेशक राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर ने बताया कि आज के आधुनिक दौर में शुगर इंडस्ट्री के क्षेत्र में आज बहुत सारे परिवर्तन आ चुके हैं। भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार हम यूरोपीय देशों की तुलना में फॉसिल फ्यूल एवं गन्ना शोधदान प्रक्रिया में कुशलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।
डॉ. शलभ नेपालिया जोनल हेड आईसेक्ट भोपाल ने अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बेहतर उपयोग से जनाधार डेटाबेस को लिंक किया जा सकता हैं।
नायरा किचन वेयर कानपुर के संस्थापक एवं विज़न स्टार्टअप एक्सेलरेटर कानपुर के सह -संस्थापक सुशांत अरोड़ा ने ई -कॉमर्स इंडस्ट्री के विस्तार हेतु क्षेत्र में उत्पाद एवं किसी भी व्यवसाय को शुरू करने में सस्टेनेबिलिटी की आवश्यकता पर बात कर अपने विचारो को साझा किया और पैनल का निर्देशन किया।
संस्थान की निदेशक एवं कांफ्रेंस की संयोजक डॉ.दिव्या चौधरी ने देश एवं विदेश से पधारे समस्त वक्ता अतिथिगणों को अपना आभार व्यक्त कर धन्यवाद देते हुए कहा कि इंटरनेशनल इस अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित करने का उद्देश्य ये है कि आज छात्र छात्राएं एवं शिक्षक नवाचार एवं नवीन शोधपरक कार्य करने की दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। शिक्षकों के शोधपरक कार्यों को महत्व देते हुए इस कांफ्रेंस के माध्यम से 36 शोधकर्ताओं ने अपने शोध की प्रस्तुति दी, जिसे उनके इस सराहनीय कार्य को अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकशित किया गया। कांफ्रेंस के द्वितीय सत्र में प्रमुख तीन अंतराष्ट्रीय प्रोफ़ेसर्स फॉक्स स्कूल ऑफ़ बिज़नेस के प्रोफेसर टेम्पल यूनिवर्सिटी यू.एस.ए. के डॉ. सुबोधा कुमार, प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रहे। कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, यू.एस.ए.के प्रोफेसर डॉ.विपिन गुप्ता,एवं डॉ.शाद अहमद खान, कॉलेज ऑफ़ बिज़नेस यूनिवर्सिटी ऑफ़ बुरैमी,सल्तनत ऑफ ओमान ने अपने सम्बोधन पर वर्चुअल माध्यम से सम्बन्धित विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। तदोपरांत आयोजित किये गए दो तकनीकी सत्रों के अंतर्गत दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉमर्स विभाग के प्रोफेसर डॉ.राहुल आर वर्मा ने सूचना प्राद्यौगिकी एवं विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज नई दिल्ली के डीन डॉ.सचिन गुप्ता ने उद्यमिता एवं प्रबंधन के क्षेत्र में किये जा रहे तकनीकी परिवर्तनों पर अपने -अपने विचार साझा किये।
इस अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के अंतर्गत सहयोगी संस्थाओं में प्रमुख रूप से सिनर्जी यूनिवर्सिटी, इंनोवशन्स कॉउंसिल, यू.वी.पी.ऍफ़. स्टार्टअप इत्यादि संगठन एवं एन.एस.डी.सी. की आईसेक्ट संस्था थी।
समापन समारोह के अंतर्गत कांफ्रेंस के सह -संयोजक एवं संस्थान के एम.सी.ए. संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर पवन ओमर ने समस्त विशिष्ट वक्तागणों को धन्यवाद देते हुए सम्बन्धित विषय पर आधारित प्रतिवेदनों को प्रस्तुत कर अपने विचारों को प्रस्तुत किया जिसमें से दो श्रेष्ठ शोध प्रपत्रों को श्रेष्ठतम सूची में सम्मिलित किया गया।
अंत में अतिथि वक्तागणों को संस्थान के सम्बन्धित एम.बी.ए. एवं एम.सी.ए.संकायों के शिक्षकगणों की ओर से ग्रीन सर्टिफिकेट्स वितरित किये गए। धन्यवाद प्रस्ताव कांफ्रेंस के सह-संयोजक एवं संस्थान के डीन एकमेडिक्स डॉ.अनिल कुमार सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के समस्त शिक्षकगण अन्य विभागों के निदेशकों सहित इस इंटरनेशनल कांफ्रेंस के कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
इस अवसर पर अनिल कुमार सिंह डीन एकेडमिक्स,डॉ. शलभ नेपालिया AISECT,डॉ जस्टिन पॉल,डॉ महेंद्र मोहन गुप्त चेयरमैन जागरण, एजुकेशन फाउंडेशन,डॉ प्रो.आर के खंडाल पूर्व कुलपति एकेटीयू लखनऊ, प्रो.नरेंद्र मोहन पूर्व निदेशक राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर, डॉ जे एन गुप्ता सीईओ जागरण एजुकेशन फाउंडेशन,डॉ दिव्या चौधरी निदेशक साथ में संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर पवन ओमर मौजूद रहे।


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