मिशन वात्सल्य के तहत् प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन,स्काउट गाइड द्वारा बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के तहत् जन जागरूकता रैली निकाली गई

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भिंड,मध्य प्रदेश।कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय कुमार जैन के निर्देशन में शासन निर्देशानुसार जिला भिण्ड अंतर्गत मिशन वात्सल्य के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना के द्वारा स्काउट गाइड की स्वयंसेवकों को पॉक्सो अधिनियम, बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन, बालकों को बिना डॉक्टर के परिचय के दवा देने की मनाही, साइबर क्राइम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।

शासन निर्देशानुसार 31 अक्टूबर तक बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है, जिसका प्रमुख उद्देश्य जिला अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर भ्रमण कर प्रचार-प्रसार के माध्यम से बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन की कार्यवाही की जानी है, बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना के द्वारा अवगत कराया गया जिला भिण्ड अंतर्गत 11 अक्टूबर से विभिन्न सार्वजनिक स्थल, मंदिर, संतोषी माता मंदिर, चरथर वाली माता, दंदरौआ धाम, पावई माता एवं विभिन्न धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थलों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और ऐसे स्थान जहां पर बाल भिक्षावृत्ति की संभावना है, नगर के प्रमुख चौराहा पर बाल भिक्षावृत्ति हेतु गठित दल द्वारा सर्वे किया जा रहा है, जिसमें तीन बालकों को और उनके परिजनों को परामर्श के साथ बाल भिक्षावृत्ति न करने की समझाइस के साथ पारिवारिक पुनर्वास कराया गया है।
श्री सक्सेना के द्वारा आगे अवगत कराया गया कि इसी जन जागरूकता के उद्देश्य से स्काउट गाइड के मध्य रैली के माध्यम से बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान जन जागरूकता कार्यक्रम रैली निकाली गई, रैली में स्काउट गाइड के प्रमुख श्री मुकुट सिंह सिकरवार, उनके साथ में श्री वीर सिंह यादव, प्रदीप सिंह चौहान जिला सचिव, श्री शैलेंद्र ओझा कोषाध्यक्ष, श्रीमती कीर्ति भदौरिया, महिला एवं बाल विकास विभाग से संजय मिश्रा सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा बाल भिक्षावृत्ति अपराध है, भिक्षा नहीं शिक्षा, भिक्षावृत्ति बंद करो के नारों के साथ जन जागरूकता रैली निकाली गई। स्काउट गाइड के प्रमुख मुकुट सिंह सिकरवार द्वारा सभी स्वयंसेवकों को रैली में संबोधित करते हुए कहा गया कि आपके आसपास भी कोई बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त कोई बालक मिलता है, तो तत्काल इसकी रिपोर्ट करें और बालक के पुनर्वास में अपना सहयोग प्रदान करें।
बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना के द्वारा अवगत कराया गया कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75, 76 और 77 में विख्यात व्यक्ति को बालकों के प्रतीक करता माना गया है और भिक्षावृत्ति में नियोजित करने वाले व्यक्ति को सश्रम, जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है, लेकिन प्रशासन का प्रमुख उद्देश्य एफआईआर दर्ज कराना नहीं अपितु जागरूकता के माध्यम से लोगों को समझाइश देना है और यदि किन्हीं पारिवारिक परिस्थितियों अथवा आर्थिक परिस्थितियों, सामाजिक परिस्थितियों के कारण बालकों द्वारा बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्तता पाई जाती है तो शासन द्वारा संचालित बाल गृह, शिशु ग्रह स्पॉन्सरशिप विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जोड़कर उनके पुनर्वास के प्रयास किए जाना ही इसका प्रमुख उद्देश्य है।


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