भारतीय आबादी में दृष्टि एवं अंधापन है गंभीर समस्या

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कानपुर। आँख की विविध जटिलताओं के कारण भारतीय आबादी में दृष्टि की समस्या और अंधापन एक गंभीर समस्या है। इसके पीछे का मुख्य कारण मोतियाबिंद,दृष्टि दोष, डायबिटीज़ रेटिनोपैथी, और ग्लूकोमा को बताया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक भारत जैसे देश में 80 लाख से अधिक लोग दृष्टिहीन है। यहाँ दुनिया के अंधे लोगों की संख्या सबसे अधिक है,जो कि अत्यधिक चिंता का विषय है। अगर समय पर उपचार संभव हो पाए तो भारी संख्या में लोगों को अंधा होने से बचाया जा सकता है। सन 2018 से भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को स्वास्थ्य बीमा के द्वारा निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत योजना चला रही है। इस योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारक मरीज अपना और अपने परिवार के सदस्यों का इलाज योजना से संबंधित निजी अस्पतालों में करवा सकते है। इस योजना के जरिए सरकार लोगों को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त में उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत मोतियाबिंद का ऑपरेशन, रेटीना का पर्दा बदलना, नाखुना का ऑपरेशन, ग्लूकोमा सहित आंखों से जुड़ी कई तरह के गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है।

भारत सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान योजना को आर्थिक रूप से पिछड़े मरीजों को ध्यान में रखते हुए आई लेसिक हाउस, अशोक नगर कानपुर द्वारा आयुष्मान भारत योजना का संचालन अपने अस्पताल में शुरू किया है। जिसके तहत अब आयुष्मान कार्ड धारको का आँखों से संबंधित समस्त रोगों का मुफ्त ईलाज किया जायेगा।
आई लेसिक हाउस की डायरेक्टर एवं वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.उमा अग्रवाल ने बताया कि आंखे हमारे शरीर का बहुमूल्य अंग हैं,लेकिन आँखों में होने वाली बीमारियों विशेषकर मोतियाबिंद के प्रति लोग बहुत लापरवाही करते हुए इलाज को टालते रहते हैं और एक समय बाद यह बहुत ही भयानक स्थिति में पँहुच जाती है अथवा ला ईलाज हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर वर्ग तक के लोगों तक आँखों का गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित इलाज पहुँचे, इसी सोच के साथ अस्पताल में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए नए उपकरण और व्यवस्थाएं लायी गयी हैं, जिससे आयुष्मान कार्ड धारकों को भी कानपुर में दिल्ली, मुंबई महानगरों जैसी सुविधा मिल सके।
डॉ.उमा अग्रवाल ने यह भी बताया कि आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए फोल्डेबल लेंस की गुणवत्ता भी अन्य की अपेक्षा बहुत अच्छी रखी गयी है। आई लेसिक हाउस अस्पताल लेज़र से चश्मे हटवाने जैसे एडवांस और कठिन सर्जरी के लिए और बेहद ही उच्च गुणवत्ता वाली मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों के इलाज के लिए जाना जाता है। अस्पताल का आयुष्मान योजना से जुड़ने का एक ही उद्देश्य है कि वरिष्ठ और कुशल नेत्र विशेषज्ञों और महानगरों जैसे उपकरणों और सेवाओं का पूरा लाभ कानपुर के आयुष्मान कार्ड धारकों को भी बिना किसी भेदभाव के मिल सके। अस्पताल ने नेत्र रोगों की जन जागरूकता के लिए सर्व समन्वय फाउंडेशन के साथ मिलकर मिशन दृष्टि प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया है।
सर्व समन्वय फाउंडेशन के एडवाइजर डॉ आशुतोष मिश्रा ने बताया कि संस्था विगत 2 वर्षों से लगातार नॉन कम्युनिकेबल रोगों जैसे डायबिटीज़,हृदय रोग, हाइपरटेंशन अवं नेत्र रोगों के विषय में समुदाय में कार्य करती आ रही है और इसी क्रम में संस्था ने आई लेसिक हाउस अस्पताल के साथ मिलकर मिशन दृष्टि कार्यक्रम को शुरू किया है,जिसे कानपुर के कल्यानपुर ब्लाक के 49 ग्राम पंचायतो में कार्यान्वित किया जा रहा है, हमारी टीम आँखों से संबंधित होने वाले रोगों के लिए जन जागरूकता लाने के लिए छोटे-छोटे समूहों में गाँव के लोगों के बीच में कहानी व खेल के माध्यम से”नेत्रशाला”का आयोजन जन जागरूकता का काम करती है।
डॉ आशुतोष मिश्रा ने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य यही है कि अन्धतापन के प्रसार को कम करना,लोगों में आँखों में होने वाले रोगों के प्रति जागरूकता पैदा करना, मोतियाबिंद व आँखों के इलाज के प्रति भ्रांतियों को दूर करना, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी को पँहुचाना और लाभान्वित करना है।
कार्यक्रम के दौरान आई लेसिक हाउस के प्रबंधक आशीष अवस्थी एवं सर्व समन्वय फाउंडेशन प्रबंधक दीपक कुमार यादव उपस्थित रहे।


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