उन्नाव।फतेहपुर चौरासी बीते दिनों क्षेत्र की एक ग्रामपंचायत में मृत गोवंश के शव को निस्तारित करने में किए गए अमानवीय व्यवहार का मामला अभी शान्त भी नही हुआ था। कि जिम्मेदारों ने एक बार फिर मृत गोवंश के शव को ट्रैक्टर से खिंचवाकर अपनी निडरता का प्रमाण प्रस्तुत किया है।सोशल मीडिया पर पशु क्रूरता की घटना की पुनरावृति का वीडियो जारी होने जिला विकास अधिकारी ने संबंधित सचिव को निलंबित कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में दिखाया गया था की एक मृत गोवंश के शव को निस्तारित करने के लिए एक ट्रैक्टर के पीछे बांधकर अमानवीय ढंग से खींचकर ले जाया जा रहा था। सोशल मीडिया पर उक्त वीडियो क्षेत्र की ग्राम पंचायत भड़सर नौशहरा से संबंधित होना बताया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कई उच्च अधिकारियों के साथ अपर जिला अधिकारी जे विकाश कुमार ने ग्राम पंचायत के मजरा ग्राम महमदपुर स्थित गौशाला पहुंच मामले की पड़ताल की थी जहां ग्रामीणों ने अपर जिला अधिकारी को गांव में बरती जा रही तमाम अनियमितताओ के साथ गौशाला के पशुओं के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार के बारे में बताया था। किन्तु ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव ने अपनी तार्किक शक्ति एवं अपनी वाकपटुता से सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पुराना तथा कहीं और का सिद्धकर अपने आपको नित एंड क्लीन साबित करते हुए ग्रामीणों के आरोपों को निराधार साबित कर दिया था।बताते चले की शनिवार को उक्त गौशाला से कुछ दूरी पर नदी की तलहटी में मृत पशुओं के जीवाश्म देखे जाने की खबर भी तेजी से फैली लेकिन अधिकारियों के ध्यान में देने से जहां ग्रामीण एक बार अपना मन मसोस कर रह गए।वही मामले को गंभीरता के साथ प्रकाशित कर रहे अखबार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा था। सोमवार को सोशल मीडिया पर क्षेत्र की ग्राम पंचायत भड़सर नौशहरा एक बार फिर चर्चा में आई।सोमवार को सोशल मीडिया वायरल वीडियो में भी गौशाला के समीप से ही एक ट्रैक्टर के पीछे बांधकर मृत गोवंश के शव को बांधकर घसीटते हुए ले जाते दिखाया गया है। सोमवार को सोशल मीडिया पर जारी हुए वीडियो को संज्ञान में लेते हुए जिला विकास अधिकारी संजय कुमार पाण्डेय ने संबंधित ग्राम विकास अधिकारी शुभम वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।जिला विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के साथ ही मामले की जांच के लिए खण्ड विकास अधिकारी सिकंदरपुर करन को जांच अधिकारी नियुक्त कर पंद्रह दिनों में रिपोर्ट तलब की है।