कल्याणी नदी’ के अस्तित्व को बचाने उतरा जिला प्रशासन,डीएम व सीडीओ ने निरीक्षण कर सफाई के साथ नदी को कब्जामुक्त कराने के दिये आदेश

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उन्नाव।भू-माफियाओं के कब्जे व अफसरों की अनदेखी से गंगा नदी की सहायक ‘कल्याणी नदी’ के पुनरुद्धन के लिए डीएम गौरांग राठी व सीडीओ प्रेमप्रकाश मीणा ने कल्याणी नदी का निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम ने तहसील प्रशासन व सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ निरीक्षण कर सफाई के साथ नदी को कब्जामुक्त कराने के दिये आदेश । जिसके बाद मातहतों के साथ बैठक कर रूपरेखा तैयार की ।कल्याणी नदी हरदोई जनपद से उन्नाव में प्रवेश करती है और किसानों की लाइफ लाइन मानी जाती है।हरदोई के माधौगंज से निकलने वाली कल्याणी नदी गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है। जिले के गंजमुरादाबाद, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी, सफीपुर व सिकंदरपुर सरोसी ब्लाक के लगभग 32 गांवों से यह नदी निकलती है। पिछले कई सालों से इस नदी के प्रवाह क्षेत्र पर कटरी के भू और खनन माफियाओं ने कब्जा करके अवैध तरीके से खनन किया। कई स्थानों पर कब्जा कर इसे समतल कर खेती भी शुरू कर दी गई।इससे पड़ोसी जिले हरदोई और उन्नाव के कई गांवों के लिए कभी जीवनदायिनी रही कल्याणी नदी अब विलुप्त सी हो गई है। नदी का अस्तित्व केवल कागजों पर ही बचा है। कहीं नाले तो कहीं तालाब का रूप ले चुकी इस नदी के पानी से दो दशक पहले तक फसलें सींची जाती थीं। 80 किलोमीटर लंबी यह नदी क्षेत्र के भूगर्भ जलस्तर को भी सहेजे थी। यह नदी बिठूर के पास पहुंचकर गंगा नदी में मिलती है।

कल्याणी नदी’ के पुनरुद्धन के लिए बैठक कर रूपरेखा की तैयार

2022 में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बांगरमऊ के एक गांव से फावड़ा चलाकर इस नदी पुनरुद्धार कार्य की शुरुआत की थी। इसके बाद कुछ गांवों में मनरेगा से खुदाई भी की गई लेकिन बारिश, फिर चुनाव और आखिर में अफसरों के तबादलों से नदी को पुराने स्वरूप में लाने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई।
अब एक बार फिर से डीएम गौरांग राठी व सीडीओ प्रेम प्रकाश मीणा ने धूल खा रही फाइल को बाहर निकलवाकर अध्ययन कराया तो पता चला कि पूर्व में जो सर्वे हुआ था, वह अफसरों के स्थलीय निरीक्षण के आधार पर था। इससे नदी की वास्तविक लंबाई व चौड़ाई की स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। क्योंकि कई जगह झाड़ियां उगी थीं, जिस कारण अफसर वहां तक पहुंच नहीं पाए थे। इसलिए अब इसकी वास्तविक जानकारी के लिए ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा। साथ ही एक्सपर्ट एजेंसी की भी मदद ली जाएगी। सर्वे का काम शुरू करने की तैयारी है। जिसके चलते मंगलवार को डीएम गौरांग राठी व सीडीओ प्रेम प्रकाश मीणा कल्याण नदी पुनरुद्धार के लिए निरीक्षण करने पहुँचे। बताया गया कि नदी काफी बड़ी है क्षेत्र ज्यादा है। इसलिए मनरेगा से नदी की खुदाई कराना मुश्किल नजर आ रहा है। अन्य जिलों में भी नदी की पुनरुद्धार योजना की जानकारी करने पर पता चला है कि कहीं पर भी मनरेगा से काम नहीं हुआ है। वैसे भी नदी की खुदाई मजदूरों के भरोसे नहीं कराई जा सकती। इसलिए खुदाई मशीनों से कराने पर विचार विमर्श चल रहा है। इसके लिए अलग से कार्ययोजना तैयार कराई जाएगी। जिसे शासन से मंजूर कराकर बजट भी आवंटन कराया जाएगा।कल्याणी नदी के पुनरुद्धार के लिए अब तक हुए कार्यों, पूर्व में कराए गए सर्वे के आधार पर तैयार रिपोर्ट व कार्ययोजना का अध्ययन किया गया है। सीडीओ व अन्य अफसरों से काफी विचार विमर्श के बाद नदी के नए सिरे से ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराने की तैयारी है। जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। सर्वे के बाद कार्ययोजना तैयार कराने की बात कही गयी है।


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