विश्व रक्तदान दिवस: लोगों ने पेश की मानवता की मिसाल किया रक्तदान ऐसे ही बच सकती है किसी की जान

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उन्नाव। विश्व रक्तदान दिवस पर राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद संस्थापक/अध्यक्ष की ओर से कई जिलों में रक्तदान शिविर का वृहद स्तर पर आयोजन किया गया। इस दौरान एनसीसी कैडेट के साथ जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने बढ़-चढ़ कर सहयोग करते हुए रक्तदान भी किया। सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक होने वाले इस आयोजन में महिलाओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए रक्तदान शिविर में जरूरतमंद मरीजों के लिए लोग रक्तदान करने ब्लड बैंक पहुंचें। संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया की आपके रक्त की एक यूनिट से चार मरीजों की जान बचेगी ऐसी मानव सेवा के लिए लोगों ने कदम बढ़ाए और रक्तदान किया इन शिविरों में सुबह से ही लोगों ने भरपूर उत्साह दिखाते हुए डोनर कार्ड भी दिया गया जिससे जरूरत पर अपने मरीज के लिए बिना रक्तदान किए एक यूनिट ब्लड प्राप्त कर सकते हैं। संस्था अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने यह भी बताया कि रक्तदान करने से कोई कमजोरी नहीं आती। सात दिन में रक्त और 90 दिन में आयरन की पूर्ति हो जाती है शिविरों में एकत्रित रक्त का उपयोग अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों के इलाज में होगा इन यूनिटों से कैंसर, थैलेसीमिया, एनमिक गर्भवती महिला, दुर्घटना में घायलों, लावारिस मरीजों, अन्य जरूरतमंदों की जान बच सकेगी।


संस्था के संस्थापक ने बताया की रक्तदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में स्वैच्छिक,अवैतनिक रक्तदाताओं के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना,राष्ट्रीय और स्थानीय अभियानों को मजबूत कर स्वैच्छिक रक्तदाता कार्यक्रमों को मजबूत और विस्तारित करने में राष्ट्रीय रक्त आधान (ट्रान्सफ्यूजन) सेवाओं,रक्तदाता संगठनों और सरकारी संगठनों का समर्थन कराना है। विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर जिलेवासियों से अपील की इस मौके पर रक्तदान केंद्र में स्वैच्छिक रूप से और अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा रक्तदान कर रक्त केंद्र में रक्त संग्रह को बढ़ाने और इसकी आवश्यकता वाले लोगों तक उपलब्धता सुनिश्चित कराने में अपना अहम योगदान करें। खून की कमी से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में लगे रक्त वीरों को स्वास्थ्य विभाग सम्मानित भी कर रहा है। साथ ही थैलेसिमिया, स्किल सेल एनीमिया व हीमोफीलिया सहित कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य प्रक्रियाओं में रक्त की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर आज पूरी दुनियां में रक्तदान करने वालों के सम्मान में विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है इस बार भी 16 रक्त दाताओं की सूची संस्था को भेजी गई है। जिन्होंने एक वर्ष में पुरुष 4 बार तो महिला 3 बार स्वैच्छिक रूप से रक्तदान कर दूसरे की जान बचाई है वैसे रक्त वीरों को संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्र और मेडल पहनाकर सम्मानित किया रक्तदान करने के बाद व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ और शांति का होता है बताया कि लोगों में इस बात का भ्रम रहता है कि रक्तदान करने से कमजोरी होती है। लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल सही नहीं है। क्योंकि यह किसी कमजोरी का कारण नहीं बनता है। बल्कि नई रक्त कोशिकाओं के बनने से यह आपको स्वस्थ्य रखता है। इसके साथ ही रक्तदाताओं को हार्ट अटैक व कैंसर के खतरे सहित कई अन्य प्रकार बीमारियां अपेक्षाकृत कम होती है। रक्त पतला होने से रक्त का थक्का नहीं बनता है। वही नसों में इसका प्रवाह अधिक सुगमता से होता है। सबसे अहम बात यह है कि रक्तदान करने वालों को मानसिक रूप से शांति का भी एहसास होता है।


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