फतेहपुर में किशोरी का अपहरण, पाक्सो कोर्ट ने दोषी को सुनाई 10 साल की सजा

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फतेहपुर। यूपी फतेहपुर जिले में 11 साल बाद नाबालिग किशोरी के अपहरण के एक मामले में पाक्सो एक्ट न्यायालय प्रथम के न्यायाधीश अनिल कुमार-6 की अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है। आरोपी को 10 साल की कैद के साथ आठ हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड की राशि से आधी रकम पीड़िता को बतौर प्रतिकर देने के आदेश भी दिए हैं।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र भदौरिया ने बताया कि, चांदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला 30 सितंबर 2013 की सुबह गांव के बाहर खेतों में काम करने चली गई थी। इस दौरान उसकी 16 वर्षीय बेटी घर में अकेली थी। जब घर वापस लौटी तो बेटी घर में नहीं मिली। घर में रखे जेवरात और 46 हज़ार रुपये भी गायब थे। इस पर परिजनों ने किशोरी की खोजबीन शुरू की। इस दौरान पता चला कि सोहन धोबी और राहुल ने साजिश के तहत गांव के ही छोटे व मुन्नू के बांदा के थाना कोतवाली क्षेत्र के रेउना मजरे डीगवाही के रहने वाले रिश्तेदार सुनील कुमार उर्फ सुलोचन के साथ किशोरी को भिजवा दिया। आरोप था कि लड़की लाखों के जेवराज सहित हजारों की नगदी भी साथ ले गई थी। मामले में स्थानीय थाने में महिला की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर मामले मे 8 अक्टूबर 2023 को एसपी के आदेश पर पांच आरोपियों पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान चार अभियुक्तों निकाल दिया गया। एक आरोपी सुनील के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले की अंतिम सुनवाई शुक्रवार को हुई। इस दौरान अभियोजन ने सात गवाहों को अदालत में पेश किया। साथियों और पत्रावली के आधार पर न्यायाधीश ने घटना का दोषी ठहराते हुए अभियुक्त सुनील को 10 साल की सजा के साथ आठ हजार रुपये जुर्माना देने का फैसला सुनाया है। वही कोर्ट ने अर्थदंड की राशि से आधी रकम पीड़िता को भी देने का आदेश दिया हैं।


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