कानपुर। जाजमऊ में नजीर फातिमा के प्लॉट में बनी झोपड़ी में आग लगाने के मामले सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। गुरुवार को जाजमऊ आगजनी मामले में कोर्ट का फैसला आना था। लेकिन जजमेंट के पेपर तैयार नहीं होने की वजह से एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला टाल दिया। कोर्ट ने 4 अप्रैल की तारीख दी है। चार अप्रैल को इरफान सोलंकी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।जाजमऊ थाना क्षेत्र स्थित डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा का प्लॉट है। नजीर फातिमा का परिवार प्लाट में ट्टर और छप्पर डालकर रहता है। नजीर फातिमा ने आरोप लगाया था कि सपा विधायक और उनके भाई प्लॉट पर कब्जा करना चाहते थे। बीते 7 नवंबर 2022 (सोमवार) को परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इसी बीच विधायक और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 327, 427, 386, 504, 436, 506 और 120 के तहत मुकदमा किया था। इस मामले में इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत सभी आरोपी जेल में हैं। इरफान महाराजगंज जेल में बंद हैं। डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी और एडीजीसी भाष्कर मिश्रा ने बताया कि 12 में से विधायक, उनके भाई समेत पांच आरोपियों पर फैसला आना है। सात आरोपियों की चार्जशीट बाद में आने से उनकी अभी गवाही नहीं हो सकी है। मामले की शुरुआत में विधायक और उनके भाई रिजवान के खिलाफ जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। बाद में दस और आरोपी बनाए गए थे। पुलिस ने पहले विधायक इरफान और रिजवान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। बाद में मामले में तीन आरोपित शौकत पहलवान, इजराइल आटावाला और मोहम्मद शरीफ पर एक साथ पूरक चार्जशीट जाजमऊ पुलिस ने दाखिल की थी। इसमें गवाही और बहस पूरी हो चुकी है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि अभियोजन की तरफ से मामले में 18 गवाह पेश किए गए, जबकि बचाव पक्ष से तीन गवाह पेश किए गए हैं। उनको पूरा भरोसा है। विधायक व उनके भाई समेत सभी आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।