उन्नाव। जनपद की नगर पंचायत फतेहपुर चौरासी के बिभिन्न वार्डों में मच्छरों की बढ़ती संख्या और डंक ने लोगों की नाक में दम कर दिया है। मच्छरों के प्रकोप से लोगों का जीना दूभर हो गया है सोते जागते उठते बैठते हर वक्त मच्छरों की भिन भिनाहट और डंक से लोग परेशान हैं इसके बावजूद नगर पंचायत के जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। नगर क्षेत्र में इधर काफी दिनों से फॉगिंग नहीं हुआ है।नगर वासियों का कहना है कि कीटनाशक दावाओं को छिड़का व फागिंग के लिए नगर पंचायत प्रशासन ने आंखें बंद कर रखी है मच्छरों की बढ़ती संख्या का आलम है कि रात नहीं दिन में भी इनका प्रकोप जारी रहता है वही शाम होते ही लोगों का किसी स्थान पर बैठना मुश्किल हो जाता है। घर हो या दुकान हर जगह मच्छरों का आतंक बढ़ गया है।सुबह हो या शाम मच्छरों का हमला शुरू हो गया इसके चलते संक्रमण रोगों का खतरा बना रहता है।नगर मे मच्छरों का जबदस्त आतंक हो चुका है किन्तु स्वास्थ्य बिभाग और नगर प्रशासन इससे अनजान हैं।ज्ञातब्य है हर साल मौसम बदलते ही मच्छरों का प्रकोप शुरू हो जाता है। इन्हीं मच्छरों की वजह से जानलेवा डेंगू और मलेरिया तक फैल जाते हैं। हर साल कई लोग इसके शिकार भी हो जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी रोग समाप्त करने के लिए अभियान चलाया जाता है। इसमें लोगों को जागरूक भी किया जाता है लेकिन यह अभियान सिर्फ फाइलों तक सिमट कर रह जाता है। इस बार भी शायद यही हो रहा है।मच्छरों को मारने के लिए लोग मच्छरदानी के अलावा क्वाइल, लोशन के अलावा लिक्विड मच्छरमार दवा और अन्य तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। क्वाइल और लिक्विड मच्छरमार दवाएं जहरीले रसायनों से तैयार होती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सांस के जरिए ये जहरीले रसायन हमारे शरीर के अंदर नुकसान पहुंचा रहे हैं। लोगो का कहना है की नगर पंचायत द्वारा नगर के मच्छर प्रभावित क्षेत्रो को प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द चिन्हित कर फागिंग व दवा का छिड़काव शुरु करवा देना चाहिए। लोगों ने जिम्मेदाऱों से शीघ्र फागिंग करायें जाने का मांग किया है।इस सम्बन्ध में अधिशाषी अधिकारी अरबिंद सिंह और नगर पंचायत अध्यक्ष का फोन लगाया लेकिन फोन उठा नहीं।