फतेहपुर। रमजान उल मुबारक में तरावीह नमाज का एहतेमाम किया जाता है। रमजान का चांद नजर आने के बाद उसी रात से ही तरावीह नमाज की शुरूआत हो जाती है और ईद से पहले आखिरी रमजान तक पढ़ी जाती है।
शहर के मसवानी निभारा स्थित आयशा मस्जिद में तरवीह नमाज बीते 11 मार्च की रात से शुरू होकर बुधवार को हाफिज व कारी अब्दुल हफीज ने कुरान मुकम्मल किया। नमाज के बाद हाफिजोकारी हफीज ने तकरीर के दौरान कहा कि रमजान माह में तरावीह में कम से कम एक कुरान सुनी जाती है। यह दो-दो रकात करके पढ़ी जाती है। हर चार रकात के बाद थोड़े वक्फे के लिए रुका जाता है और दुआ मांगी जाती है। उन्होंने कहा की इस्लाम में बहुत ही सहूलियत है। लोगों ने इसे मुश्किल बना दिया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस्लाम के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए। इस्लाम में झूठ, खूनखराबा, कत्ल की कोई जगह नही है। आखरी में देश में अमन-चैन के लिए लोगों ने एक साथ हाथ उठाकर अल्लाह से दुआ मांगी। इस दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिला अध्यक्ष हाफिज जीशान रजा ने कहा कि, कुरआन पाक वो मुकद्दस किताब है, जिसका एक-एक हर्फ सच और हक है। हम सब को कोरआन के बताये हुए रास्ते अमल करना चाहिए। इस मौके पर मुतवल्ली मस्जिद अलीम ख़ान उर्फ़ लाली, मेराज हसन, हाशिम सिद्दीक़ी, गोलू, नजमी, शोएब हाशमी, रिशान अली, रज्जब अली, शोएब ख़ान, दानिश बाबा, इलियास ख़ान, सैय्यद शाहनवाज़ समेत सैकड़ों नमाजी मौजूद रहे।