बच्चों के इलाज में मील का पत्थर साबित होगी पोर्टेबल एमआरआई मशीन- प्राचार्य डा. संजय काला

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नीरज बहल
कानपुर। नगर के प्रख्यात गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज के प्राचार्य (डीन) डा. संजय काला ने बताया कि पारंपरिक एमआरआई मशीन की जगह आज आधुनिक और उन्नत तकनीक की मशीन ने ले ली है। जो नवजात बच्चों के इलाज में बहुत सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बाल रोग विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों के चलते ही ये पोर्टेबल एमआरआई मशीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक योजना के तहत मिली है। कंगारू मदर केयर योजना के अंतर्गत मिली पोर्टोबल मशीन बच्चों की बीमारी डायग्नोस करने व शोध संबंधी कार्यों में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि समय से पहले जन्मे नवजात बच्चें (प्रीमेच्योर बॉर्न बेबी) जिन बच्चों के दिमाग में आक्सीजन की कमी होती है या जिनके दिमाग में पानी भरा होता है इस मशीन के द्वारा समय व्यर्थ किए बिना समय रहते उनके मस्तिष्क की जांच करके उनका बेहतर इलाज सम्भव हो सकता है। उन्होंने आगे पोर्टेबल एमआरआई मशीन की विशेषता के बारे बताते हुए कहा कि ये पोर्टेबल मशीन कुछ मिनटों में नवजात शिशुओं को कहीं अन्यत्र ले जाए बिना उनके बिस्तर पर ही उनकी दिमाग संबंधी बीमारियों की गहनता से जांच कर उन बच्चों के इलाज में सहायक सिद्ध होगी। बाल रोग विभाग के की जुझारू टीम को बधाई देते हुए उनके कार्यों की प्रशंसा कर उनका हौसला बढ़ाया। बाल रोग संस्थान के मुखिया अन्य ने भी आयोजित प्रेस वार्ता में मशीन के द्वारा बच्चों के इलाज की बारीकियों पर भी प्रकाश डाला।


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