हरी शंकर शर्मा
कानपुर। वर्ष 2004 से पहले ब्लड बैंक के टेस्ट द्वारा एचआईवी, हेपेटाइटिस आदि के संक्रमण के पॉजिटिव आने के बाद रक्तदाताओं को इसकी सूचना देना प्रतिबंधित था। समाज के बदलते परिवेश में नेशनल ब्लड ट्रांसप्यूज़न काउंसिल ने नेशनल प्लान ऑन ब्लड सेप्टी बना कर ब्लड बैंक को सूचित करने एवं परामर्श देने के लिए गाइडलाइन्स जारी की। इसके बावजूद भी यह छोटे ब्लड बैंक्स में संसाधनों के आभाव में उपेक्षित रहा है। इस विषय पर डॉ लुबना खान द्वारा र रविवार को आई एस बी टी एच के वर्षित अधिवेशन “ट्रांसकॉन कांफ्रेंस” लखनऊ में व्याख्यान दिया गया। कांफ्रेंस को उत्पाटन दिनांक 6 अक्टूबर 23 को मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किया गया था। कांफ्रेंस में देश एवं विदेश के प्रतिनिधिओं एवं डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया। डॉ लुबना खान द्वारा बताया गया कि पॉजिटिव रिजल्ट की सूचना डोनर्स को देने से शीघ्र उनका उपचार प्रारंभ किया जा सकता है। चूँकि यह संक्रमण योन सम्बन्ध एवं ब्लड ट्रांसफ्यूज़न से फैलते हैं, डोनर को सही जानकरी, सलाह तथा इलाज के साथ परिवार व समाज को सुरक्षा मिलती है। उन्होंने बताया कि अक्सर देखा गया है कि डोनर के द्वारा फॉर्म में अपने फ़ोन नंबर व् पूरा पता ना लिखना गाइडलाइन्स को किर्यान्वितकरने में सबसे बड़ा अवरोध है। । कांफ्रेंस में विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ जगजीवन राम एवं डॉ नम्रता निगम (असिस्टेंट प्रोफेसर ) ने भी प्रतिभाग किया ।