भूख और प्यास से तड़प रहे गौवंश-जिम्मेदार लापरवाह

0
95

संदीप प्रजापति
अमौली/फतेहपुर बेजुबान जानवरों को देखभाल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जगह जगह गौशाला खुलवा कर घूम रहे इधर उधर अन्ना गौवंशों को अंदर करके उनका उचित तरीके से देखभाल करने की योजना चलाई थी।ताकि घूम रहे गौवंशों को उचित देखभाल कर शुद्ध भोजन उन्हें दिया जाये जिससे उनका स्वास्थ्य सही रहे।लेकिन यहाँ कहानी कुछ उल्टी सी दिखाई पड़ रही है।अमौली विकास खण्ड के स्थिति बुढ़वा ग्राम सभा में बनी गौशाला में गौशाला केंद्र का हाल बदतर होता जा रहा है।यहाँ पर रहने वाले गौवंशों की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है।जिनकी उचित तरीके से देखभाल न होने के कारण ज्यादा से ज्यादा जानवरो की स्थिति चारा पानी के आभाव में कुपोषित होकर कंकाल में समाते जा रहे है।और कुछ इतने कमजोर हो गए है की अपनी जगह से उठ भी नही पा रहे है।कई जानवर इतने कमजोर हो गए है की उनकी मृत्यु भी असमय हो रही है गौशाला में कार्यरत कर्मचारी सही तरीके से गौवंशों की देखभाल न कर के सिर्फ खाना पूर्ति कर रहे है।इतनी अनियमितता बरतने के बाद भी कार्यरत ग्राम प्रधान जिम्मेदार अधिकारियों को समय समय पर गौशाला का निरीक्षण कर यह भी नही देखा जा रहा की गौवंशों को समय पर हरा चारा पेट पर भोजन,समय पर पानी मिल रहा है की नही,सिर्फ कागजो में गौशालाओं में उपस्थिति गिनती से अधिक गौवंशों को दिखाकर जिम्मेदार अधिकारी गौवंशों के लिए आये हुए बजट में से गौवंशों के निवाले को भी जिम्मेदार पलीता लगा रहे है। अगर यही कमोवेसी स्थिति बराबर बनी रही थी तो आने वाले दिनों में इस गौशाला में जो शेष बचे जानवर है वह भी असमय मौत के शिकार होते जायेंगे।और सरकार की कल्याणकारी योजना जो बेजुबान जानवरों के लिए चलाई जा रही है।वो धरासाई हो जायेगी।

क्या बोले जिम्मेदार प्रधान–
ग्राम प्रधान ने बताया की सरकार से 30 रूपये प्रति जानवर खर्चा मिलता है।इससे ज्यादा अपनी जेब से खर्च नही कर सकते है।बजट के अनुसार ही उन्हें खिलाया पिलाया जाता है।

इस बावत जब खण्ड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह से बात की गई तो बताया की गौशाला में उपस्थित गौवंशों को हरे चारे की समुचित व्यवस्था कराते है और बीमार जानवरो को डॉक्टर से दिखाकर इलाज भी कराया जाता है। अगर इस तरह का प्रकरण सामने आया है तो उसे दिखवाया जायेगा।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here